College Sex Story – मेरा गुप्त जीवन-51
चारों लड़कियों की चूत चुदाई
चारों लड़कियों की चूत चुदाई
रोहन पाण्डे
हैलो दोस्तो, कैसे हो आप सब.. मैं आप सबके लिए अपनी सच्ची कहानी लिख रहा हूँ.. आशा करता हूँ.. आप सबको पसंद आएगी।
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हाय दोस्तो, मैं करण, मैंने पहले भी एक बार एक कहानी “चुदाई या छुप्पम-छुपाई” लिखी थी। मुझे कुछ लोगों के उत्तर भी मिले थे पर उतने अधिक नहीं। हो सकता है कि शायद ज्यादा लोगों को मेरी कहानी पसन्द नहीं आई हो, अगर आज की कहानी अच्छी लगे तो कृपया अवश्य लिखें।”
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सारिका ने निश्चय कर लिया था कि वो किसी भी सीमा तक मौज मस्ती में दीपक का साथ देगी और उससे कुछ छिपायेगी नहीं!
सुहागरात के लिए आदर्श आसन
मुझे झड़वाने की कोशिश में स्नेहा जैन मेरे लंड पर अपनी चूत रगड़ने लगी लेकिन वो बहुत जल्दी झड़ जाती थी तो मैं तो नहीं झड़ा लेकिन वो झड़ गई.
दोस्तो, मेरा नाम रोहित है। मैं एक छोटे से गांव में रहता हूं। कद-काठी, रंग जानने की आवश्यकता नहीं है, बस इतना जान लो कि लौड़ा 7 इंच का है।
अब तक आपने पढ़ा..
हैलो फ्रेंड्स, सेक्स स्टोरी की इस दुनिया में मेरा आप सभी को नमस्कार। मेरा नाम समीरा है, मुझे लाइफ एन्जॉय करना पसंद है। मैं बॉलीवुड हीरोइन बनना चाहती हूँ.. मैं दिखने में ईशा गुप्ता जैसी हूँ और उसी की स्टाइल कॉपी करती हूँ।
लेखक : अमित
तो अब मेरे हाथ भी गियर संभालते संभालते उसकी अंडरवियर तक जा पहुँचे। वो उत्तेजना के मारे और पसर गई मैंने भी अब आहिस्ता से अपना हाथ उसकी अंडरवियर में सरका दिया और जैसे ही मैंने उसकी घनी, काली, घुंघराले और मुलायम बालों वाली चूत को स्पर्श किया, उसके मुख से गहरी सिसकारियाँ निकलने लगी। अब मेरे लिए सड़क पर ध्यान लगाना मुश्किल हो रहा था, उसकी चूत सहलाते सहलाते अचानक स्पीड ब्रेकर की वजह से गियर बदलने की वजह से मुझे उसकी चूत में से हाथ बाहर हटाना पड़ा तो वो उत्तेजना में इतनी पागल हो गई कि अपने कूल्हे ऊँचे उठा कर अपनी चूत को गियर के हत्थे में घुसा दिया और रगड़ने लगी।
नमस्कार मित्रो, मैं परीक्षित!
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैंने सारी चटपटी कहानियाँ पढ़ी हैं और मैं पहली बार मेरी खुद की एक सच्ची कहानी बयान करने जा रहा हूँ।
हैलो फ्रेंड्स, मैं जेसिका क्लार्क (बदला हुआ नाम) एक बार फिर उपस्थित हूँ नई कहानी के साथ!
दोस्तो, मेरी पिछली कहानी
रोहन ने लंबी सांस लेते हुए कहा- कविता, आज तुम मुझे पसंद करने लगी हो इसलिए मैं और मेरी आदतें तुम्हें अच्छी लग रही हैं, पर जब तुम मुझे पसंद नहीं करती थी, तब भी मैं तुम्हें चाहता था।
प्रेषक : समीर दीक्षित
अब तक आपने पढ़ा..
सादर नमस्कार. मेरी कहानी अभी हाल ही की है, अन्तर्वासना पर मेरी कहानी पढ़ कर मुझे एक महिला ने पत्र लिखा और मुझे से बात करने की ख्वाहिश जाहिर की. मैंने उनको उस पत्र का उत्तर दे दिया और उन्होंने मुझे याहू पर जोड़ लिया और फिर हमारी उनसे तीन दिन तक अलग-अलग विषय पर बात हुई, जिससे उनके मन का एक वहम या सही कहूँ डर था, निकल गया.
मेरा नाम वैभव डिकोस्टा है और मैं झाँसी का रहने वाला हूँ।