पापा मम्मी की दूसरी सुहागरात -11
इतना बोलकर उन्होंने नीचे से ही दो तीन धक्के लगाये, मम्मी भी पापा की छाती से चिपकी हुई धक्के लगा रही थी पर अचानक पापा के तरफ से आये झटके से वो चौंक गई।
इतना बोलकर उन्होंने नीचे से ही दो तीन धक्के लगाये, मम्मी भी पापा की छाती से चिपकी हुई धक्के लगा रही थी पर अचानक पापा के तरफ से आये झटके से वो चौंक गई।
लेखक : लीलाधर
दोस्तो.. मेरा नाम राहुल है और मैं आगरा से हूँ.. मेरी उम्र 23 साल है।
दोस्तो, मेरा नाम प्राची है और मेरा नाम तो आपने पहले सुना ही होगा! तो मैं आज आपको एक बहुत ही ख़ास इंसान के लंड के बारे में कहानी सुनाने वाली हूँ. शिवदयाल जी का लंड… असल में यह स्टोरी मेरी माँ और शिवदयाल जी की है और काफी हद तक … काफी हद तक क्यों बोलूँ … बिल्कुल सौ प्रतिशत रीयल है.
प्रेषक : हरीश
सभी पाठकों को मेरा प्रेम भरा नमस्कार। मैं इस साईट की कहानी को पढने वाला नियमित पाठक हूं। कमल ने इस साईट के बहुत सारी कहानियों को पढा है। मुझे सारी कहानियां बहुत ही अच्छी लगती है। उन्हीं कहानियों से प्रभावित होकर मैं आज आपके लिये एक कहानी लिखाने जा रहा हूं।
अब तक आपने पढ़ा..
मेरे कामुक दोस्तो, अब तक आपने पढ़ा..
प्रेषिका : बरखा
हैलो फ़्रेंड्स, मैं सुहानी चौधरी फिर से अपनी सेक्स कहानी का अगला भाग ले के आपके सामने हाजिर हूँ।
दोस्तो, मैं आपका अपना राज गर्ग!
कहानी का पिछला भाग : किस्मत खुली, चूत फटी-1
उस समय मेरा लंड इतना टाइट हो गया था कि लगा जैसे फट जाएगा.. मैं धीरे से उठ कर बैठ गया और अपनी पैन्ट उतार कर लंड को माँ के चूतड़ से सटाने की कोशिश करने लगा… पर कर नहीं पाया। तो मैं एक हाथ से माँ की बुर में ऊँगली डाल कर बाहर निकले चमड़े को सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मुठ मारने लगा.. 2-3 मिनट में ही मैं झड़ गया।
दोस्तो, मैं आपका दोस्त राहुल. ये मेरी पहली कहानी है.
मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
मेरा नाम रोनित है, पढ़ा-लिखा हूँ.. नौकरी की तलाश कर रहा हूँ। मैं नरवाना हरियाणा का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 27 साल है।
दोस्तो, कैसे हो आप सब.. आज मैं फिर हाज़िर हूँ सेक्सी आंटी की चुदाई की कहानी के साथ। मेरी पिछली कहानी को पढ़ने का बहुत बहुत धन्यवाद, बस मेरी कहानियों को यूं ही पढ़ते रहिए और मुझे मेल करते रहिए ताकि मैं और मनमोहक कहानियां लिख सकूं।
प्रेषक : समीर खान
दोस्तो, आपको मेरी हिंदी सेक्स कहानियां पसंद आईं, आपके मिले मेल्स के लिए धन्यवाद!
प्रेषिका : ममता राजपूत
यह कहानी किसी और ने मुझे भेजी है, आप उसी के शब्दों में इस कहानी का आनन्द लें।
प्रेषिका : स्लिमसीमा
🔊 यह कहानी सुनें
ऑफिस वाली को नये तरीके से चुदने की चाहत
अंकल काफ़ी खुश नजर आ रहे थे, उनके हाथ में एक पैकेट था, वह पैकेट मेरी ओर बढ़ाते हुए अंकल ने कहा- यह तुम्हारे लिए है।