तेरे बेर तोड़ कर चूत चोद कर ही रहूँगा
Tere Ber Tod Kar Choot Chod Kar Rahunga
Tere Ber Tod Kar Choot Chod Kar Rahunga
प्रेषक : बिग डिक
प्रेषक : ?
Kamsin Kamini Ki Chudai Ka Maja
इस धरती पर शायद ही ऐसा कोई पुरुष होगा जिसे अपना लंड चुसवाना अच्छा नहीं लगता होगा। ज़्यादातर लोग इसकी कामना ही करके रह जाते हैं क्योंकि उनकी पत्नी या प्रेमिका इस क्रिया में दिलचस्पी नहीं रखतीं। कुछ लड़कियाँ इसे गन्दा समझती हैं और कई ऐसी हैं जिन्हें पता नहीं कि क्या करना होता है।
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मेरी यह कहानी दो बहनों की जवानी की जरूरत पूरी करने की यानि चुत चुदाई है. लेकिन कहानी शुरू करने से पहले मैं अन्तर्वासना साईट का धन्यवाद करना चाहूँगा जिसकी कृपा से लंड को खड़ा कर देने वाली और चूत में उंगली डालने को मजबूर कर देने वाली कामुक कहानियाँ हमें और आपको पढ़ने को मिल जाती हैं।
दोस्तो, मैं आपकी एकलौती प्यारी चुदक्कड़ जूही एक बार फिर बार अपनी चूत की दास्तान लेकर प्रस्तुत हुई है।
ईश्वर सबसे बड़ा रचयिता है, उसके कला कौशल की कोई सीमा नहीं है. कितनी तरह के पेड़ पौधे, कितनी तरह के जीव जंतु, कितनी तरह के मनुष्य. सभी के रंग रूप अलग अलग. न कोई कलाकार परमपिता की बराबरी कर सकता है और न ही कोई कंप्यूटर उसके बराबर रचना कर सकता है. मनुष्य की रचना भी कितनी पूर्णता के साथ की. देखने के लिए आँखें हैं, खाने के लिए मुंह है, चलने के लिए पैर हैं. कार्य करने के लिए हाथ हैं और सृष्टि के संचालन के लिए यौनांग हैं. ईश्वर के द्वारा बनाई गयी कोई भी वस्तु निरर्थक नहीं है.
प्रेषिका : सिया जैन
अब तक आपने इस सेक्स स्टोरी के पिछले भाग
8-10 मिनट तक चुदवाने के बाद मैं अपने चरम सुख की ओर चल दी थी, मुझे पूरे शरीर में सुरसुरी सी होने लगी और आनंद से भर गयी, पूरे शरीर में झनझननाहट सी होने लगी तो मैंने कहा- और तेज़ और तेज़ और तेज़ आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह आ आ… आ… आ… आ… आ आआ आआहहह… कर के ज़ोर से चिल्ला के वहीं फच्च फच्च फच्च के साथ झड़ गयी.
साथियो.. जब मैंने अपना लण्ड सोनिया के सामने खोला तो उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। मुझे भी लगा कि पता नहीं चूत मिलेगी कि नहीं.. मैं भी उसकी तरफ ही देख रहा था तभी उसने मुझसे कहा।
हाय सेक्सी लड़कियों और ब्यूटिफुल महिलाओं.. मैं समर एक जिगोलो हूँ.. मैं अपनी सेवाएं दिल्ली में देता हूँ।
उस दिन मैं नाइट ड्यूटी करके सुबह साढ़े सात बजे घर पहुँचा मेरी वाइफ एक टीचर है और स्कूल जाने के लिए तय्यार हो रही थी.आठ बजे वो घर से निकल गयी. मैं नहा कर फ्रेश हो गया और रोज की तरह सोने की तय्यारी करने लगा.अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई तो मैं चौंक गया. बड़ी गहरी नींद आ रही थी और मैं बहुत परेशान था की इस वक़्त कौन आ गया.मैने दरवाजा खोला तो सामने एक औरत खड़ी थी.
बस उस दिन के बाद अपने घर पर मेरा ये लगभग रोज का ही नियम बन गया कि मैं रात में बिस्तर में नंगी हो जाती और अपनी टांगें ऊपर उठा कर घुटने मोड़ लेती और एक उंगली से अपनी चूत का दाना या मोती सहलाती और चरम आनन्द पा कर सो जाती.
मेरी बीवी की दो लंड से चुदाई की इस कहानी के प्रथम भाग
गणित का ट्यूशन-1
प्रेषक : रुबीन ग्रीन
दोस्तो, मेरा नाम सूरज है, मैं गाजियाबाद में रहता हूँ। शादी हो चुकी है, एक बेटा भी है। बीवी अच्छी है, शादीशुदा जीवन भी अच्छा चल रहा है। अन्तर्वासना का मैं पाठक हूँ। अकसर कहानियाँ पढ़ता हूँ, मेरी बीवी भी मेरे साथ ही बैठ कर कहानियाँ पढ़ती है और फिर बाद में जैसे कहानी में होता है, वैसे ही हम भी रोल प्ले करते हैं।
आदमी जो चाहता है, उसे कभी कभी ही मिल पाता है वरना वक्त और हालात उसे समझौता करने के लिए बाध्य कर देते हैं।
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इत्तिफ़ाक से-1
इमरान
प्रेषक : मिहिर रोहण