जिस्मानी रिश्तों की चाह -44
सम्पादक जूजा
सम्पादक जूजा
अब तक इस मस्त सेक्स स्टोरी में आपने जाना कि राज अंकल मेरी चुनौती से भड़क कर कहने लगे थे कि अब तो इस साली कुतिया को बेदर्दी से हम तीनों एक साथ चोदेंगे.
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जब पापा छुट्टी पर मुंबई से आते तब जब भी मम्मी पापा अंदर होते तो दरवाजे के होल से चुदाई करते देखती थी। मम्मी पापा की चुदाई देख कर मैं खुद को सम्भाल नहीं पाती थी। मैं मम्मी के कमरे में चारपाई के नीचे चुपके से घुस जाया करती थी. एक बार जब पापा के दोस्त धनंजय चाचा और दूसरे बार जब कमलेश अंकल आये थे, तब मैं चारपाई के नीचे थी इसलिए देख कुछ नहीं पायी थी पर बातें, आवाज सब सुनी. उसी समय से मेरा मन भी अपने अंदर घुसवाने करने लगा था.
बस शहर से निकल कर गाँव की तरफ चल पड़ी, खस्ताहाल सड़क पर बस हिचकोले खाते हुए चली जा रही थी, वत्सला तो आसपास के नज़ारे देखने में मग्न थी और अपने मोबाइल से फोटो शूट करती जा रही थी, मैं उसका चक्षु-चोदन करता रहा, लार टपकाता रहा और वत्सला आस पास के नज़ारे देखने, उन्हें मोबाइल में कैद करने में लगी रही।
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मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
प्रेषक : युवराज
सम्पादक जूजा
अभी तक इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था मोना ने गोपाल को नीतू के साथ नंगी हालत में पकड़ लिया और गोपाल को अपनी हनक में लेकर उसने खुद के लिए किसी से चुदाई करने की बात मनवा ली.
नमस्ते दोस्तो, सबसे पहले में अन्तर्वासना का आभारी हूँ, जिन्होंने मेरी पहली सेक्स स्टोरी
मेरा नाम माया पटेल है मगर मेरा घर का नाम नैन्सी है, शादीशुदा बाल बच्चेदार औरत हूँ। देखने में सुंदर हूँ,दो बच्चों की माँ होने के बावजूद मैंने अपने शरीर बेडौल नहीं होने दिया खुद को फिट रखा है।
प्रेषक : हॉट प्रिन्स
प्रेषक : राहुल
मेरी बातों से उसकी कामलालसा और ज्यादा भड़क रही थी, वो बोली- अब आ भी जाइए ना!
प्रेषक : डेविड जॉनसन
नमस्कार दोस्तो.. मेरा नाम राज है आज जो कहानी मैं आप लोगों को बताने जा रहा हूँ.. यह गोवा की है। पिछले दिसंबर में मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए गोवा गया था।
दोस्तो, मेरी इस चुदाई की कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि नम्रता आंटी मेरे साथ नंगी होकर शावर के नीचे नहा रही थीं।
कुछ देर इन्होंने मुझे ऐसे ही चोदा, जब थोड़ा थक गए तो मुझे नीचे उतार दिया और घोड़ी बना कर पीछे से डाला, पीछे से अंदर बाहर कर रहे थे और साथ की साथ मेरे स्तनों को ऐसे निचोड़ रहे थे जैसे उनमें से रस निकालना हो।
मेरी पिछली कहानी
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मेरा नाम प्रफुल्ल है.. अभी इंदौर में रहता हूँ। मुझे अन्तर्वासना पर लड़कियों की लिखी हुई हिन्दी सेक्स कहानी पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता है।
अपना लंड हाथ में पकड़ कर सुपारा माँ के गालों और होंठों से धीमे-धीमे रगड़ने लगा.. मैं बस उत्तेजना की वज़ह से पागल हो रहा था।
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