पड़ोसन चाची की सूखी चूत में तरावट
अन्तर्वासना के पाठकों सभी को मेरा प्रणाम.. मेरा नाम आरिफ है। मेरा कद 6 फुट 3 इंच है.. रंग गोरा है।
अन्तर्वासना के पाठकों सभी को मेरा प्रणाम.. मेरा नाम आरिफ है। मेरा कद 6 फुट 3 इंच है.. रंग गोरा है।
अब तक इस हिंदी नोन वेज स्टोरी में आपने पढ़ा था कि गुलशन जी ने पक्का सोच लिया था कि वो सुमन को जरूर चोदेंगे और अब उनकी आत्मा भी गायब हो गई थी. इससे आपको समझ आ गया होगा कि अब सुमन के रंडी बनने की घड़ी नज़दीक आ रही हैं. उधर गोपाल के साथ मोना ने नीतू को लेकर जो खेल खेला था अब उसी खेल को देखते हैं. आज वहां भी बहुत कुछ मसालेदार होने वाला है.
मैं- अच्छा मैम आप चैटिंग भी करती हो?
लेखिका: वानिका श्रीनिवासन
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कुछ देर बाद हम वहीं आराम करके अपने कपड़े पहन कर बाहर आ गये। बाहर अपनी टेबल पर आकर देखा कि टेबल खाली थी।
सभी अन्तर्वासना के पाठकों के मोटे और छोटे लंड और प्यारी मीठी चूत को भौमिक का सलाम और नमस्कार !
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दोस्तो, आज मैं आपको एक बड़ी ही मज़ेदार कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
मेरा नाम राजेश है। मैं इन्दौर में रहता हूँ। मेरी उमर अभी ५२ वर्ष है। मैं एक सरकारी नौकरी में हूँ। मैने कुछ ही दिनों से अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। मुझे भी अपनी आप बीती लिखने की इच्छा हुई। मुझे ये बताने में जरा भी संकोच नहीं है कि ये सब मैने नेहा वर्मा के कहने पर उसे बताया। और उसी ने मेरी आप बीती आप लोगों को बताने को कहा और आप तक पहुंचाया।
सभी सेक्सी चुत की मालकिनों की प्यासी चुतों को मेरे खड़े और बड़े लंड का घुस कर सलाम!
हिन्दी सेक्स स्टोरी साइट अन्तर्वासना पर मज़ेदार चुदाई की कहानियाँ पसन्द करने वाले मेरे प्यारे दोस्तो,
दोस्तो आ गई मैं नए पार्ट के साथ, अब कहानी में अलग मोड़ आ गया है तो चलो देखते हैं आगे क्या हुआ. जहाँ पिछला पार्ट खत्म हुआ था, वहीं से शुरू करते हैं.
कहानी का पहला भाग : लखनऊ से दिल्ली की ट्रेन में चुदाई का मजा-1
दोस्तो, इस सेक्स स्टोरी के मजे के लिए आपका टाइम खराब नहीं करूँगी. जहाँ पार्ट खत्म हुआ था वहीं से वापस शुरू करती हूँ. बस थोड़ा सा पीछे का हिस्सा फिर से देख लो ताकि आप लोगों का मजा बराबर बना रहे..
अब तक आपने पढ़ा..
मैंने कामविह्वल हो कर राजे से कहा- राजे… सुन मादरचोद… मुझे वैसे ही चोद जैसे तूने नीलम को वहशी की तरह चोदा था…
मेरी साली पिंकी-3
दोस्तो.. मैं योगेश मैसूर से हूँ.. और आप सबके सामने एक चुदाई की कहानी प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। मुझे उम्मीद है कि यह आपको अवश्य ही पसंद आएगी।
यह कहानी है कामिनी की! कामिनी की शादी को अभी एक साल भी नहीं हुआ था और उसके पति को उसके साथ संभोग में कोई दिलचस्पी नहीं रही। कारण यह नहीं था कि कामिनी में कोई कमी थी, बल्कि उसके पति को सेक्स में कोई रूचि ही नहीं थी।
जब भी दर्दनाक लहर मेरे जिस्म में फूटती तो साथ ही मस्ती भरी मीठी सी लहर भी तमाम जिस्म में दौड़ जाती। दर्द ओर मस्ती के दोनों एहसास जैसे पिघल कर एक साथ धड़कते और फिर जुदा होते और फिर एक बार दोनों एहसास आपस में पिघल कर मिल जाते।
रोहन मल्होत्रा
एक लड़के की शादी की उम्र निकली जा रही थी और कोई लड़की ऐसी नहीं मिल पा रही थी जो उसे और उसके घर वालों को पसंद हो और जो उसे और उसके घर वालों को पसंद कर ले…
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मेरे पति का लंड मेरे चूत में फचाफाच आ और जा रहा था, मुझे काफी मजा आ रहा था। शादी के 12 साल के बाद भी चुदाई का आनन्द कम नहीं हुआ था, यह तो बढ़ता ही जा रहा था। मेरे चूत ने पानी छोड़ दिया, मेरे चूत से पानी निकल कर मेरे गांड होते हुए बह रहा था लेकिन मेरे पति अभी भी कायम थे। दो मिनट के बाद उनके औज़ार ने भी पानी छोड़ दिया, वो पस्त हो कर मेरे उरोजों पर अपना सर रख कर सुस्ताने लगे।