दो आंटियों की चुत चुदवाने की चाहत
दोस्तो, मैं रोहित, आशा करता हूँ कि आपको मेरी पहली कहानी
दोस्तो, मैं रोहित, आशा करता हूँ कि आपको मेरी पहली कहानी
उसने मुझे अपने से इस तरह चिपका लिया था कि उसका खड़ा लंड मेरे चूतड़ों की दरार में घुसने लगा। वो मेरे मम्मों दबाए जा रहा था और मैं भी अब गर्म होने लगी थी।
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मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मैंने जब देखा कि इस साइट पर लोग अपने जीवन की वासनायुक्त कहानियां शेयर करते हैं, तो मैंने भी अपने जीवन का अनुभव आप लोगों से शेयर करूँ।
मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम शिवांगी है. मेरी उम्र 23 वर्ष है, मेरी हाइट 5’5″, रंग गोरा और मेरा साइज 32-30-32 है. मैं कंपनी सेक्रेट्री कोर्स कर रही हूं।
कहानी के पहले भाग में मैंने बताया था कि मैं अपने मामा के घर में अपनी दीदी और भाई के साथ मजे लेकर आई. भाई का लंड चूस कर मुझे बहुत मजा आया और दीदी ने मेरी चूत की डिल्डो से चुदाई की. उसके बाद मुझे घर आना पड़ा क्योंकि मेरे कॉलेज की छुट्टियां खत्म हो गई थीं
मेरा नाम आर्यन है। मैं कानपुर में रहता हूँ। यह मेरी काम-कथा है जो 2007 में घटित हुई, जब मैं अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था।
चाय मेरे शॉर्ट्स पे गिरी थी… लेकिन शॉर्ट्स भी छोटी थी इसलिए मेरी जाँघों का कुछ भाग भी थोड़ा सा जल गया था।
अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार! जैसा कि मैं पहले ही अपनी बहन के बारे में बता चुका हूँ, इसलिए मैं अपनी कहानी अब आगे बढ़ाता हूँ।
प्यार एक छोटा सा शब्द है जिसके जितने भी मायने निकाले जाएँ कम होंगे।
एक बार सन्ता खुद का हाथ चाकू से काट रहा था।
पहले भाग में आप पढ़ चुके है कि किस तरह मेरी मदद से रवि ने अपनी शालू भाभी की चुदाई की.. मैं उस समय मंदिर जाने का बहाना बनाकर घऱ से निकल आई थी और बाथरूम से तौलिया लपेट कर निकली भाभी को रवि ने ठोक दिया था।
दोस्तो! आपने मेरी कहानी पढ़ी
लेखक : इमरान
कहानी का पिछ्ला भाग: जिस्म की मांग-1
दोस्तो,
प्रेषक : इन्द्र पाल
दोस्तो,
सलोनी रानी ने कहा- तू राजे… एकदम सीधा लेट जा… मैं तेरी तरफ अपने चूतड़ रखूंगी… तू चूसे जाना !
नमस्ते दोस्तो, मेरी पिछली कहानी
दोस्तो, मेरा नाम संजू गुप्ता है, उम्र 24 साल, अभी मेरी शादी नहीं हुई है। मेरे परिवार में 7 लोग हैं।
प्रेषक : ए के
समस्त पाठकों मेरा नमस्कार। मैं आपके समक्ष नई कहानी लेकर फिर हाज़िर हूँ, इसे मैंने बहुत प्यार से आप सब के लिए लिखा है। इसके कहानी के सभी पात्र और घटनाएँ काल्पनिक हैं।
मैंने सोचा कि बाथरूम में जाकर दर्पण का मुआयना करूँ और निकलूँ!
उसने कहा- कोई बात नहीं..