पोकर के जोकर
मैं श्रेया आहूजा आपके सामने फिर पेश हूँ इस बार आपबीती लेकर !
मैं श्रेया आहूजा आपके सामने फिर पेश हूँ इस बार आपबीती लेकर !
प्रेषक : रवि भुनगे
इस कहानी के पिछले भाग
दोस्तो, मेरा नाम रॉनित है। मैं गुजरात का रहने वाला हूँ। मुझे शुरुआत से ही अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने का बड़ा चस्का लग गया था।
अब तो मुझे खाना बेस्वाद लगने लगा, जिसके सामने चार चार कुँवारी लड़कियाँ, लण्ड लेने को बैठी हों, उसे दाल मखनी, शाही पनीर और चिकन कहाँ स्वाद लगेगा।
धन्यवाद अन्तर्वासना, आपने मेरी पहली गे सेक्स स्टोरी
मैं स्खलित होकर उसके ऊपर ही लेट गया था और हम कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे। जब वासना का ज्वार थोड़ा शांत हुआ तो पता चला कि मेरा वीर्य उसकी योनि में ही छूट गया है।
मेरा नाम संजय है, मैं बहुत दिनों से अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ता हूँ। आज मैं आप लोगों के लिए सच्ची कहानी लिखने जा रहा हूँ।
अब तक आपने पढ़ा कि मेरे जिस्म के खरीदार अशोक ने मुझे चोद दिया था और अब वो मुझे कुसुम की सच्चाई बता रहा था.
सम्पादक – जूजा जी
मेरा नाम मुख़्तार है, मेरी उम्र 23 साल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ।
मेरा नाम अदिति है। मैं अन्तर्वासना में अपनी पहली कहानी भेज रही हूँ। मेरी उम्र 23 साल है।
Shadi Kisi ki Aur Chudai Kisi ki-3
नमस्कार दोस्तो, यह कहानी मेरी मौसी की बेटी की कुंवारी बुर चुदाई की है.
यह उस समय की बात है जब मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली रहने के लिए गया था। रोहिणी में मैंने किराये पर एक कमरा और रसोई ले रखी थी। खुद ही पका कर खाता था। नौकरी की तलाश चल रही थी। मेरा एक दोस्त था कबीर। उम्र मेरे जितनी ही थी चौबीस साल। वो अपनी माँ के साथ मेरे बगल वाले कमरे में रहता था। उसके पास भी एक कमरा और रसोई ही थे। उसकी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लगी हुई थी और वो मेरी नौकरी के लिए भी मेरे साथ था। मुझे दिल्ली आये तीन महीने हो चुके थे और पर नौकरी थी कि मिल ही नहीं रही थी। मैं अक्सर इस बात के लिए परेशान रहता था।
आप सभी अन्तर्वासना के पाठकों का तहेदिल से धन्यवाद.. आप सभी का बहुत प्यार मिला। मैं श्रद्धा.. फिर एक बार आपके सामने हाजिर हूँ अपनी एक और कहानी के साथ। यह कहानी मेरी और मेरी सहेली स्नेहल की है।
अचानक ही मेरी चूत में कोई हलचल हुई और मेरी नींद टूटी, देखा तो पतिदेव मेरी चूत चाट रहे थे और सारा रस भी पी चुके थे फिर भी चूत चूस रहे थे।
अब तक आपने पढ़ा..
हाय दोस्तों, आज पहली बार मैं अंतर्वासना पर कहानी नहीं, सच्ची घटना लिखने जा रहा हूँ। मेरी उम्र २७ साल है, मैं कोइम्बटोर तमिलनाडु में नौकरी करता हूँ।
यह कहानी मेरी सहेली ईशा की है, इसे मैं खुद लिख रही हूं तो मैं खुद को ईशा मान लेती हूँ और ईशा का पति राकेश की जगह मैं अपने पति रवि का नाम लिखूंगी।
🔊 यह कहानी सुनें
शैलीन भी मेरी ओर पलट गई उसने एक हाथ मेरे गाल पर रखा और कहा- नब्बू, आज मुझे औरत होने सुख दो! मैं बहुत प्यासी हूँ!
पूनम बंसल
उन्होंने अपने हाथ से मेरी ठोड़ी को पकड़ कर ऊपर किया और मेरी आँखों में झांकते हुए विनती सी करने लगे जैसे कह रहे हों, “प्लीज, मुझे अपनी प्राकृतिक अवस्था का दर्शन कराओ।”