खूबसूरत आंटी संग पहली बार चुदाई
दोस्तो, मेरा नाम नीलेश है और मैं आप सबको अपनी असली कहानी बताना चाहता हूँ। मैं पूना का रहने वाला हूँ और मैं जो आपको कहानी बताने जाने वाला हूँ.. वो एकदम सच्ची कहानी है। दरअसल यह मेरी जिन्दगी की पहली चुदाई का अनुभव है।
दोस्तो, मेरा नाम नीलेश है और मैं आप सबको अपनी असली कहानी बताना चाहता हूँ। मैं पूना का रहने वाला हूँ और मैं जो आपको कहानी बताने जाने वाला हूँ.. वो एकदम सच्ची कहानी है। दरअसल यह मेरी जिन्दगी की पहली चुदाई का अनुभव है।
प्रेषक : राधा, राज
नमस्कार दोस्तो, आपके दोस्त रवि का आपको तहे दिल से नमस्कार!
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं बैड मैन आप लोग के सामने अपने जीवन की वो हॉट सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूँ जिसके बारे में मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा हो सकता है.
आज मैं आपको अपने एक दोस्त की बताई हुई कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मुझे यह कहानी बहुत पसंद आई तो सोचा आपको भी सुना दूँ, शायद आप को भी पसंद आए।
वो मेरे कान मरोड़ते हुए कहने लगी- कमीने.. मैं भैंस दिखती हूँ तुम्हें.. जो मेरे 42 के होंगे.. खैर.. इन सब बातों में मैं तुम्हें तुम्हारा गिफ्ट देना ही भूल गई।
यह उस समय की बात है जब मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली रहने के लिए गया था। रोहिणी में मैंने किराये पर एक कमरा और रसोई ले रखी थी। खुद ही पका कर खाता था। नौकरी की तलाश चल रही थी। मेरा एक दोस्त था कबीर। उम्र मेरे जितनी ही थी चौबीस साल। वो अपनी माँ के साथ मेरे बगल वाले कमरे में रहता था। उसके पास भी एक कमरा और रसोई ही थे। उसकी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लगी हुई थी और वो मेरी नौकरी के लिए भी मेरे साथ था। मुझे दिल्ली आये तीन महीने हो चुके थे और पर नौकरी थी कि मिल ही नहीं रही थी। मैं अक्सर इस बात के लिए परेशान रहता था।
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दर्द पर आनन्द हावी होने लगा, मैं महसूस कर रही थी कि उसका XL साइज़ का लिंग लगातार योनि के संकुचित मार्ग को धीरे-धीरे फैलाता अन्दर सरक रहा है। मैंने आँखे भींच ली थी और खुद को उसके हवाले कर दिया था।
छत पर खुले में चुदाई
पति मेरे मुँह में झड़ने के बाद बेड पर सोकर अपनी सांसों को नियंत्रित करने लगे, मैंने पति के वीर्य की एक बूंद को भी बर्बाद नहीं की, सब चाट कर साफ करके पति से चिपक कर सोने लगी।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा सादर प्रणाम! मेरा नाम सोनू कुमार है, मैं 22 साल का सांवला रंग, मैं दिखने में मध्यम शरीर का हूँ। उस समय मैं दक्षिण भारत में पढ़ता था और अपने घर बिहार छुट्टियों में आया हुआ था.
मेरा नाम सुमन है मैं और मेरी पड़ोसन नैनी दोनों पक्की सहेलियां हैं। जब भी कभी कहीं जाना हो तो दोनों साथ-साथ ही आया-जाया करती हैं।
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दोस्तो, आज मैं सिज़लिंग सोना अपनी कहानी ‘पारिवारिक चुदाई की कहानी’ का चौथा भाग ‘सगी मौसी की चुदाई’ लेकर उपस्थित हूँ… और आशा करती हूँ कि पिछले भागों की तरह यह भी आपको पसंद आएगी।
अन्तर्वासना पर हिन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ने वाले मेरे प्यारे दोस्तो,
धीरे धीरे मौसाजी अपना हाथ मेरी गांड पर घुमाने लगे, शायद उनको स्पर्श से ही पता चल गया होगा कि मैंने पैंटी नहीं पहनी है। मेरी तरफ से कुछ भी विरोध न होने पर उनकी हिम्मत और बढ़ गई और मेरे दोनों नितम्बों पर अपने हाथ साफ किये और मैंने भी उनको रोका नहीं।
अन्तर्वासना के पाठकों को आपकी अपनी अर्चना का नमस्कार ! आप लोगों के काफी सारे मेल मिले, मुझे ऐसी कई लड़कियों के मेल आये जो रंडी बनना चाहती थी।
प्रेषक : सोनू चौधरी
प्रेषक : अक्षय सिंह
मेरा नाम हैरी है। मेरी दो बहनें है एक की शादी हो चुकी है, और अभी एक कुँवारी है।
अनिल सच ही बोल रहा था, रमेश का लण्ड आसानी से आ-जा रहा था, दर्द बिल्कुल नहीं हो रहा था और मैं गाण्ड उठा-उठा कर लण्ड खा रही थी।
आपने मेरी कहानी