मेरा गुप्त जीवन- 186
बम्बई वाली ट्रेन में अदला बदली
बम्बई वाली ट्रेन में अदला बदली
सभी ने जोर दार तालियां उनके लिये बजाई और फिर अमित ने सुहाना से पूछा कि उसे कैसा लगा।
मेरा नाम नरेश, उमर बाईस साल, मैं अबोहर, पंजाब का रहने वाला हूँ।
प्रेषक : संदीप नैन
नमस्कार दोस्तो…
अब तक आपने पढ़ा..
रोनी सलूजा
थोड़ी देर गांड मरवाने के बाद सुषमा बोली- यार मनोज, तुमने इस तरह का प्रोग्राम बना कर कई बीवियों के मन की इच्छा पूरी कर दी। वरना बिचारी एक ही लण्ड पे पूरी ज़िन्दगी निकाल देती हैं और तरह तरह के लण्ड के लिए हमेशा तरसा करती हैं।
यह कहानी नहीं, सच है लेकिन कहानी के रूप में !
फिर हम लेटे लेटे बात करने लगे, मैंने कहा- कल और मजा आएगा, कल सुशील भी आ जायेगा।
उसकी और मेरी पहचान सोशल मीडिया से हुई थी, नाम था अवंती… मैं उसे प्यार से अवी बुलाता था।
जिसने कभी किसी पर-पुरुष को देखा नहीं, उसने 2010 जब 30 साल की थी तब जीजाजी जो 46 साल के थे उनको कैसे समर्पित हो गई। सब वक़्त की बात है।
और आखिर भाभी चुद गई
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कहानी का पिछला भाग : दोस्त की माँ, बुआ और बहन की चुदाई-2
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दोस्तो, मेरी पहली कहानी
प्रेषक : आदित्य कश्यप
नमस्कार भाईयो, मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियां पढ़ीं हैं. मैं आज अपनी एक सच्ची कहानी पेश कर रहा हूं.
मेरे प्रिय पाठको,
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मैंने कहा- तू इतन अच्छा चूसती है, इसका तो ये हाल होना ही था। कहाँ से सीखा ये सब?
अभी तक आपने पढ़ा कि रूपा को एक युवक बस में मिला, दोनों की आपस में सेटिंग हुई और रूपा उस युवक से चुद गई. रूपा को उस से चुद कर इतना मजा आया कि वो उसकी गुलाम बन गई और उसे अपने घर लाकर अपनी बेटी को पटाने की छूट दे दी.
दोस्तो, मेरा नाम रवि है. मैं जोधपुर राजस्थान का रहना वाला हूँ. ये कोई कहानी नहीं, बल्कि एक सच्ची घटना है, जो कि मेरे ओर मेरी बड़ी कजिन के बीच घटी थी.
मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग