प्रेयसी स्वाति संग प्रथम सहवास
प्रिय पाठको, मेरी कई कहानियाँ अब तक अन्तर्वासना पर प्रकाशित हो चुकी हैं, आप मेरी कहानियाँ यहाँ देख सकते हैं।
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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।
यह मेरी पहली बार की बुर चोदन की हिंदी सेक्स स्टोरी है. मेरा नाम दिव्या है, मैं इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष की छात्रा हूँ, इंदौर में सिंगल रूम में अकेली रहती हूँ और बहुत सीधी और शांत लड़की हूँ। मैं दिखने में सुन्दर हूँ.. गोरी, लम्बे बाल और मेरा स्वस्थ शरीर है। मुझे अपना पूरा फिगर तो नहीं पता पर मैं 32B नम्बर की ब्रा पहनती हूँ। कॉलेज में बहुत से लड़के मुझे पटाने में लगे रहते हैं.. पर मैं ज्यादा ध्यान नहीं देती, ज्यादा बाहर भी नहीं जाती और अपने काम से काम रखती हूँ।
प्रीतो मायके जा रही थी।
हेलो दोस्तो!
Ek Choot Jisne Badal Di Meri Jinadgi
प्रेषक : पीयूष त्रिपाठी
मेरा नाम जय मुखर्जी है, कोलकाता में रहता हूँ, मेरी गर्लफ्रेंड जिया बेगम हमेशा अपने मोबाइल में सीक्रेट कोड रखती है।
8-10 मिनट तक चुदवाने के बाद मैं अपने चरम सुख की ओर चल दी थी, मुझे पूरे शरीर में सुरसुरी सी होने लगी और आनंद से भर गयी, पूरे शरीर में झनझननाहट सी होने लगी तो मैंने कहा- और तेज़ और तेज़ और तेज़ आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह आ आ… आ… आ… आ… आ आआ आआहहह… कर के ज़ोर से चिल्ला के वहीं फच्च फच्च फच्च के साथ झड़ गयी.
एक एक हुक खुलता हुआ ऐसे अलग हो जाता था जैसे बछड़ा बंधन छूटकर भागा हो। सारे हुक खोलकर उसने पीठ से ब्लाउज के दोनों हिस्सों को फैला दिया। गोरी पीठ सफेद ब्रा के फीते की हल्की-सी धुंधलाहट को छोड़कर जगमगाने लगी। दोनों तरफ बगलों से चिपके ब्लाउज के पल्ले उलटकर अपने ही भार से उसकी त्वचा से अलग होने लगे। रेशमा ब्रा के फीते में उंगली फँसाकर खींची, “बाप रे, कितना टाइट पहनती हो !” कहते हुए उसने ब्रा की हुक भी खोल दी।
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घर लौटने के बाद मैंने दोपहर के खाने के समय कहा- बिन्दा, अभी खाने के बाद दो घन्टे आराम करके रीना को फ़िर से चोदूँगा, अभी जाने में दो दिन है तो इस में 4-5 बार रीना को चोद कर उसको फ़िट कर देना है ताकि शहर जाकर समय न बेकार हो, और वो जल्दी से जल्दी कमाई कर सके।
अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार!
लेखिका : उषा मस्तानी
प्रिय दोस्तो, मेरा नाम विकास कुमार है. मैं मेरठ (उत्तरप्रदेश) का रहने वाला हूँ. अभी मैं अविवाहित हूँ. मेरा रंग सांवला है, कद 6 फुट है, मैं बहुत रोमांटिक हूँ. मैंने अभी बी.ए पास किया है.
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हाय, मेरा नाम रणजीत है। मैं कोलेज में लास्ट ईयर में पड़ता था। मेरी उम्र 24 है। मैं बीच की छुट्टियों में मेरे गांव गया। गांव में हमारा बड़ा घर है। वहाँ मेरी मां और पापा रहते हैं। मेरे पापा एक बिल्डर है। मेरी मां हाउसवाइफ़, हम बहुत अमीर घराने से हैं हमारे घर में नौकर-चाकर बहुत हैं।
अन्तर्वासना के प्रिय पाठकों आप सभी को मेरा नमस्कार.
मुझे झड़वाने की कोशिश में स्नेहा जैन मेरे लंड पर अपनी चूत रगड़ने लगी लेकिन वो बहुत जल्दी झड़ जाती थी तो मैं तो नहीं झड़ा लेकिन वो झड़ गई.
लाँग स्कर्ट्स के बाद माइक्रो स्कर्ट्स की बारी आई। मैंने एक पहना तो मुझे काफी शर्म आई। स्कर्ट्स की लम्बाई पैंटी के दो अंगुल नीचे तक थी। टॉप भी मेरी गोलाइयों के ठीक नीचे ही खत्म हो रही थी। टॉप्स के गले भी काफी डीप थे। मेरे आधे बूब्स सामने नज़र आ रहे थे। मैंने ब्रा और पैंटी के ऊपर ही उन्हें पहना और एक बार अपने जिस्म को सामने लगे फुल लेंथ आइने में देख कर शरमाती हुई उनके सामने पहुँची।
हैलो दोस्तो, नमस्कार!
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मैं दिल्ली में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत हूँ. ये मेरी सच्ची कहानी है. यह दो वर्ष पहले की घटना है. मैं दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ रहता था.
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