किराये का घर-1 Non Veg Story
सहयोगी : रीता शर्मा
सहयोगी : रीता शर्मा
आत्मकथ्य:
भाई बहन की चुदाई की यह स्टोरी मेरी पहली चुदाई की है कि किस तरह मैंने अपने सगे भाई को अपना बदन दिखा कर उसकी कामुकता जगा कर अपनी बुर की चुदाई करवाई!
बात उन दिनों की है, जब मैं अपने छोटे से कस्बे से शिफ्ट होकर एनसीआर में रहने लगा। चूंकि किराए का फ्लैट तलाशने से लेकर जरूरत की चीजें खरीदवाने में मेरा दोस्त हर्ष हर समय मेरे साथ रहा, इसलिए हमारी दोस्ती स्वाभिविक तौर पर गाढ़ी होती चली गई। वैसे भी मेरी वाइफ नीना के एक करीबी रिश्तेदार से हर्ष के साथ बहुत अच्छे ताल्लुकात रहे, लिहाजा अपने साथ भी उनके बेहतर रिलेशन बनने लगा।
दोस्तो, मैं आपकी अपनी प्यारी प्यारी प्रीति शर्मा… आज आपके लिए अपना एक नया कारनामा लेकर आई हूँ।
🔊 यह कहानी सुनें
आप सभी अन्तर्वासना के पाठकों को शिवम गांडू का गांड उठा के नमस्कार. यह मेरी पहली कहानी है, अगर कोई गलती हो तो माफ़ कर दीजियेगा. आप लोगों के फीडबैक के अनुसार लिखाई जारी रहेगी. मैं गांडू कैसे बना, किस-किस से गांड मरवायी, यह बहुत लंबी कहानी है. यहाँ मैं अभी एक जल्द ही घटित हुयी सच्ची कहानी के बारे में बताने जा रहा हूँ.
Chudi Priyanka Sari Raat
प्रेषक : शिमत
अंतरवासना मंच के पाठको, एक अरसे बाद मैं एक नई कहानी आपके सामने लेकर आया हूँ। मेरे पाठकों को पता है, मैं दिल्ली में रहता हूँ।
चोदन कहानी का पिछला भाग : पड़ोसन का चोदन देख कामुकता जागी-1
डीके की और मेरी दोस्ती हाल ही में बनी थी. हम कभी मिले नहीं थे, पर अक्सर चैट किया करते थे. एक दिन यूं ही चैट करते करते मैंने डीके से कहा कि मुझे सफेद रंग के लोग (यूरोप वासी जैसा रंग) बड़े अच्छे लगते हैं. वैसे तो मैं कुछ ऐसी वैसी हरकत करता नहीं हूँ, पर दूध की तरह सफेद स्किन देखता हूँ तो मन में कुछ कुछ होता है.
🔊 यह कहानी सुनें
प्रेषक : संजय शर्मा
कुसुम रो पड़ी। गीता ने आगे बढ़कर उसके आंसू पौंछे और बोली- जब खुद की चुदती है तो आँसू आते ही हैं, और जब दूसरे की चुदती है तो मज़ा आता है। एक दिन की बात है, मुन्नी और मैं तो चुद ही चुकी हैं, अब तेरी बारी है थोड़ा मज़ा लेंगें, उसके बाद हम तीनों दुबारा दोस्त हो जाएँगे।
अब मैंने एक झटके में रंडी मम्मी के मुँह में अपना लंड डाल दिया। मैंने उत्तेजनावश इतनी जोर से डाला कि मेरा लंड रंडी मम्मी के गले तक पहुँच गया।
अन्तर्वासना के सभी पाठक मित्रों जलगांव ब्वॉय का नमस्कार!
मेरी जवानी की हवस की कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि मेरी कामवासना की आग ने मुझे कोई तगड़ा जानदार लंड खोजने पर मजबूर कर दिया. मुझे मनचाहा लंड मिल भी गया.
प्रणाम पाठको, एक बार फिर से अपनी मस्त गांड चुदाई लेकर हाज़िर हूँ, काफी दिनों से मैंने अन्तर्वासना पर कुछ नहीं भेजा क्यूंकि मैं काल्पनिक और ख्याली पुलाव नहीं पकाता, चुदा तो मैं रहा था लेकिन किसी नए बंदे से नहीं मरवाई थी इसलिए कुछ नहीं लिख पाया। जैसे ही मैंने नये लंड लिए तो सोचा उनको जल्दी से अपने आशिकों के साथ शेयर कर दूँ।
लेखिका : उषा मस्तानी
🔊 यह कहानी सुनें
शीतल- आशीष.. आशीष.. क्या हुआ.. तुम आज कुछ खोए-खोए से लग रहे हो..? मैंने कहा था कपड़े उतार कर रखो!
हैलो फ्रेंड्स, क्या हाल हैं? सबके लंड और चूत मस्त हैं ना..
मेरी हिंदी पोर्न स्टोरीज में पढ़ें : मेरी नयी नयी जॉब लगी थी वहाँ पर मेरी एक सीनियर थी जिसकी मैंने माँ बनने में मदद की।
इस सेक्स कहानी में अभी तक आपने पढ़ा कि रात को मुझे सड़क किनारे एक लड़की मिली, वो खुद से मेरी गाड़ी में बैठ गयी और मुझे धमका कर उसने मेरे साथ सेक्स किया.