सेक्सी सोनाली आंटी की चूत चुदाई
मेरी मम्मी एक सरकारी डॉक्टर हैं और डॉक्टर होने की वजह से दिन में कुछ मरीज दवा लेने के लिए घर पर ही आते थे।
मेरी मम्मी एक सरकारी डॉक्टर हैं और डॉक्टर होने की वजह से दिन में कुछ मरीज दवा लेने के लिए घर पर ही आते थे।
पिंकी सेन
मेरा नाम ओमेंद्र है लोग मुझे प्यार से ओम बुलाते हैं। यह कहानी तब की है जब मैं १२ में पढ़ रहा था। मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी जिसका नाम रीना था वो हमेशा मेरे घर सवाल पूछने के लिये आती थी।(क्योंकि मैं अपने क्लास में सबसे तेज लड़का था)। उसके घर से जाने के बाद में हमेशा उसीके बारे में सोचता रहता था। एक दिन जब मेरे घर के लोग मेरी सिस्टर के लिये लड़का देखने गये थे तो वह मेरे पास आई उस दिन मेरा इरादा उसे चोदने का था इसलिये मैं पढ़ाई के बजाय उस दिन उससे बातें ही करता रहा और इसी बीच मैंने उससे अपने प्यार का इज़हार कर दिया इस पर वो बोली ओम मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं लेकिन डर के कारण मैंने यह बात तुमसे कभी कही नहीं।
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प्रेषक : अरिदमन
आःह्ह… मर गई… धीरे से डालो ना ! फाड़ डालोगे क्या !
दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक रॉय है, मेरी उम्र 19 साल है, मैं दिखने में बहुत स्मार्ट हूँ और मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है।
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि सुमन ने टीना के सोये हुए भाई का लंड चूसा और उसके लंड का रस सुमन के मुँह में चला गया।
भाई तुम पूरे बहनचोद हो…
‘फिर क्या है.. हो गया पक्का, ना तो हम किसी को बताने वाले, और न ही तू, फिर किसी को क्या सपना आएगा कि हम दोनों ने मिलकर इसकी ली है.. या तू खुद ही इच्छुक नहीं है रुसी चूत का?’
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बड़ी बहन को पटाया और छोटी चुद गई-1
आप सबको शीलू का प्रणाम!
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.. मेरा नाम हार्दिक है। मैं पाँच फीट छ: इंच का नॉर्मल सा दिखने वाला लड़का हूँ। मेरा लण्ड साढ़े छ: इंच का है और ये गोलाई में साढ़े तीन इंच मोटा है। मैं अभी 23 साल का एक जवान और हट्टा-कट्टा लड़का हूँ। मैं दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में रहता हूँ।
नमस्कार दोस्तो,
लेखक : हर्ष कपूर
थोड़ी देर गांड मरवाने के बाद सुषमा बोली- यार मनोज, तुमने इस तरह का प्रोग्राम बना कर कई बीवियों के मन की इच्छा पूरी कर दी। वरना बिचारी एक ही लण्ड पे पूरी ज़िन्दगी निकाल देती हैं और तरह तरह के लण्ड के लिए हमेशा तरसा करती हैं।
अब तक आपने पढ़ा..
मेरी प्यारी चुदासी औरतें और तमाम चूतवालियों आपको सन्जु का प्यार। आशा करता हूं कि अभी तक की कहानी जो हकीकत है आप सबको पसन्द आयी होगी और तमाम चूतें रस से लबालब भर गयी होंगी। मैं हमेसा तैयार हूं किसी भी चूत को मारने के लिये। मेरा तो दिल करता है जैसे सभी खेलों का विश्वकप होता है वैसे ही लंड चूत के खेल का भिउ विश्वकप होना चाहिये। अब आपको आगे की कहानी बताता हूं।
अभी मैं 25 साल का हूँ.. और दिल्ली में रहता हूँ. मैंने कई सेक्स कहानी पढ़ी हैं, लेकिन सच्ची घटना बताने के लिए कहानी लिख रहा हूँ क्योंकि आज तक ये बात मैंने किसी को नहीं बताई है. ये बात उस समय की है, जब मैं स्कूल में पढ़ता था. तब मैं अपने माँ और पापा के साथ ही सोया करता था.
मेरा नाम अंकित योगी है और मैं इंदौर में रहता हूँ. मेरी उम्र 21 साल है. मैं आपको मेरी वो कहानी बताऊंगा, जो कुछ समय पहले ही घटी है. ऊपर वाले ने मेरे साथ क्या खेल खेला, ये आपको भी जानने का हक है.
बसंती के जाने के बाद तीन दिन तक कुछ नहीं हुआ। मैं हर रोज़ उसकी चूत याद करके मुठ मारता रहा। चौथे दिन मैं अपने कमरे में पढ़ रहा था। लेकिन एक हाथ में लण्ड पकड़े हुए! और तभी सुमन भाभी वहाँ आ पहुंची। झटपट मैंने लण्ड छोड़ कपड़े ठीक किए और सीधा बैठ गया।
मेरे दिल की धड़कन अब आसमान पर पहुँच चुकी थी। उसके घर में तीन बेडरूम थे.. तीनों हॉल से जुड़े थे। मैं जहाँ खड़ा था.. वहाँ पर बाथरूम था और मेरे ठीक सामने तृषा की माँ सोफे पर बैठ टीवी देख रही थीं। मैं हल्की सी आवाज़ भी नहीं कर सकता था.. और उधर कामवाली कभी भी सीढ़ियों से नीचे आ सकती थी।
घमासान चुदाई के कारण मेरा मुंह पूरी तरह खुल गया और अब आ … आ… आह … आह … की लगातार आवाज़ निकल रही थी।