दिल्ली मेट्रो में मिली भाभी की चुदने की चाहत-2
अब तक आपने पढ़ा..
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मेरा नाम चन्द्रशेखर है, मैं बिलासपुर में इन्जिनीयरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ। यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है।
लेखिका : नेहा वर्मा
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यह तब की बात है जब एक दिन मेरा दोस्त अनिल अपनी पत्नी के साथ मेरे घर आया। अनिल और मैं साथ साथ काम करते हैं, अनिल की पत्नी रानी टीचर है।
आलोक
बात तब की है.. जब मेरी पहली पोस्टिंग बंगाल में हुई और एक दिन मुझे एक रॉंग नंबर से फोन आया। पहले तो मैंने फोन काट दिया.. पर मुझे उस लड़की की आवाज बहुत अच्छी लगी.. तो मैंने वापस उस नंबर पर फोन किया।
गाण्ड खुजाना- चिन्ता करना
मेरी सुध बुध गुम थी. मन रानी के मदमाते कामुकतापूर्ण शरीर में उलझा हुआ था. बार बार रानी ने जो जो किया या कहा था वो सब एक फिल्म की तरह मेरे मन में चल रहा था. कुछ नहीं पता घर पहुंचकर क्या कहा, क्या सुना, क्या खाया, क्या पिया. बस यह याद है कि पापा को रानी वाला पत्र थमा दिया था. और कुछ भी याद नहीं. रात को सोया भी बड़ी मुश्किल से. दो बार मुट्ठ भी मारी क्यूंकि लंड था कि बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था.
अब चोद भी डालो ना !
दोस्तो, मेरी कहानी के पिछले भाग में आप ने पढ़ा कि कैसे हम भाई बहनों ने अपने मम्मी पापा को नंगा देखा और कैसे उन्होंने हमें चाचा चाची के साथ ग्रुप सेक्स करते देखा. उसके बाद हम सब ने मिल कर सेक्स किया. मैंने अपनी माँ को चोदा, पापा ने अपनी बेटी को चोदा.
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रोहित है. मैं 27 साल का हूँ, बेंगलोर में रहता हूँ और यहीं जॉब करता हूँ. मुझे जिम जाने का बहुत शौक है और शारीरिक तंदुरुस्ती के साथ मेरे लंड का साइज भी 7 इंच का है और इंची टेप से गोलाई में नपा हुआ 4 इंच मोटा है.
मैंने घड़ी देखी तो शाम के पांच बजे रहे थे, यह मेरे पड़ोसी के बेटे चिंटू के आने का समय था, उसे मैं केमिस्ट्री की ट्यूशन पढ़ाती हूँ। कैसे पढ़ाती हूँ, वो आप लोगो को भी बताऊँगी।
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यह कहानी है एक भाई बहन की जिनका नाम है समीर और हिना!
यह वो कहानी है, जिसमें जब चुदास दिमाग़ में भर जाती है.. तब ना कोई उम्र और ना ही कोई रिश्ते का ख्याल रहता है… सिर्फ़ और सिर्फ़ सेक्स.. दिमाग में हर तरह से सेक्स ही सेक्स छाया हुआ होता है।
मेरा नाम कविता है, मैं एक विधवा औरत हूँ. मैं इंदौर की रहने वाली हूँ, मेरे पति एक बड़े बिल्डर थे. मेरे बेटे वंश के पांच साल के होते ही मेरे पति ने उसे बोर्डिंग में डाल दिया था. वो सिर्फ छुट्टियों में ही घर आता था.
दोस्तो, आपने पिछले भाग में पढ़ा कि कैसे मोहन ने जवानी की दहलीज़ पर उसने अपने दोस्त के साथ परस्पर हस्तमैथुन करना सीखा। दोनों की दोस्ती घनिष्ठता की हर सीमा लाँघ चुकी थी।
लेखिका- रुचिका
ऑफिस गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे साथ मॉल में काम करने वाली लड़की से मेरी दोस्ती हुई. एक दिन उसकी जीन्स से बाहर निकली पैंटी दिखी मुझे! तो क्या हुआ?
दोस्तो, अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम. मैंने पहले भी अन्तर्वासना में फ्री सेक्स कहानी पोस्ट की हैं, जो मेरी सच्ची आपबीती थीं. मेरी कहानियां
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यह सेक्सी कहानी एक सेक्स को तड़पती तरुणी की है जो शादी के 15 दिन बाद से ही पति का वियोग सह रही थी. ऐसे में उसके सहकर्मी ने उसकी कामवासना को भड़का कर उसकी चूत में लंड उतार दिया.
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