मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-3
लेखक : प्रेम गुरु
लेखक : प्रेम गुरु
मैं अलका रानी को निहारने लगा.
यह कहानी केवल मनोरंजन के लिए है जिनका वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं है।
जब मैंने दस बारह खूब तगड़े धक्के ठोके, तो वो पागल सी होकर मुझ से पूरी ताक़त से लिपट गई, उसकी गर्म गर्म तेज़ तेज़ चलती सांस सीधे मेरे नथुनों में आ रही थी, चूत से रस छूटे जा रहा था।
सबसे पहले आप सभी पाठकों को सादर प्रणाम. अन्तर्वासना की कृपा से लंड को खड़ा कर देने वाली और चूत में उंगली करने को मजबूर कर देने वाली कामुक कहानियां यहाँ पर पढ़ने और लिखने को मिल जाती हैं.
अन्तर्वासना के सभी पाठको को आशिक राहुल का नमस्कार !
अब तक आपने पढ़ा..
नमस्ते दोस्तो, उम्मीद है कि मेरी पिछली कहानियों ने आपका मनोरंजन किया होगा। आपके ढेरों खतों ने मुझे बहुत ख़ुशी दी और मुझे यह जानकर अच्छा लगा कि मेरी लम्बी-लम्बी कहानियाँ आपको बोर नहीं कर रही हैं।
अब तक आपने पढ़ा..
मैं एकदम चौंक पड़ी। अभी कुछ बोलती ही कि एक हाथ आकर मेरे मुँह पर बैठ गया। कान में कोई फुसफुसाया- जानेमन, मैं हूँ, सुरेश। कितनी देर से तुम्हारा इंतजार कर रहा था।
दोस्तो, मैं अनुज माहेश्वरी 20 वर्ष, मैं आज आपको यहां मेरी और मेरी मौसी की एक प्यारी कहानी बताने वाला हूं। मेरी मौसी 43 वर्ष की हैं पर हुस्न से 30 वर्ष की लगती हैं.
आपने मेरी पिछली कहानी मामा के साथ वो पल कुछ समय पहले पढ़ी। अब मेरे जीवन की एक नई घटना पढ़िए।
कहानी का पहला भाग: जुदाई ने मार डाला-1
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम जॉनी है और यह मेरी अन्तर्वासना पर पहली कहानी है, जो कि मेरी सच्ची घटना पर आधारित है. इस कहानी को पढ़ने के बाद आपको भी लगेगा कि यह आपकी अपनी कहानी है.
नमस्ते दोस्तो, मैं महावीर एक गाँव में रहता हूँ।
मैं जीत शर्मा फिर से आपके सामने एक कहानी ले कर आया हूँ। यह कहानी मुझे मेरी एक महिला मित्र ने भेजी है, उम्मीद है कि आप सबको पसंद आएगी।
चुदाई पूरी होने के बाद मैंने अपनी चुत का जायजा लिया, तो फिर से वो काफी खुल चुकी थी। हर्षिल ने कहा, देखा रोज़ एक बार चुदवा लिया कर तभी तेरी चुत खुली रहेगी वरना इतने दिनो बाद चोदने में तेरे को भी दर्द होता है और मुझे भी लंड डालने में दिक्कत आती है। मैंने कहा ठीक है। फिर मैं उठ के बाथरूम चली गयी। और अपना शरीर साफ किया।
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे राशिद ने हम दोनों को अपने कमरे में बुलाया और कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म दिखाने लगा।
अन्तर्वासना के चाहने वाले मेरे प्यारे दोस्तो, मेरी गर्म कहानी के दूसरे भाग
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अब तक की इस चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा था कि मेरी चुत पीयूष चाट रहा था और मैं लाल जी का लंड चूस रही थी, तभी दरवाजे पर दस्तक हुई. पीयूष के दोस्त के आने की ग़लतफ़हमी में दरवाजा खोल दिया और अन्दर मोहल्ले के चाचा जी आ गए. चाचा जी ने मुझे चोदने की शर्त पर किसी से न कहने की बात रख दी, जिसे पहले मैंने मान लिया, फिर मना करने लगी.
Bhavana Ka Yaun Safar-2
सम्पादक जूजा
प्रेषक : संजय शर्मा
हेल्लो दोस्तो, कैसे हो !!