जवानी चार दिनों की-3
लेखक : राज कार्तिक
लेखक : राज कार्तिक
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प्रेषक : नयन
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Teen Buddon Ne Meri Seal Todi-1
मैं सुजीत जयपुर का रहने वाला 36 साल का बिज़नसमैन हूँ। 5’9″ हाइट है और मजबूत शरीर का मालिक हूँ। मेरी अपनी एक IT कंपनी है जिसमें हम सरकारी और प्राइवेट क्लाइंट्स के लिए कई तरीके के सॉल्यूशंस पर काम करते हैं।
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हाय मेरा नाम जिगर है.. और मैं अभी 22 साल का हूँ। मैं गुजरात के अमदाबाद से हूँ। वैसे मैं चोदने के लिए कहीं जाता नहीं हूँ.. लेकिन बुर चोदने की मेरी इच्छा बहुत रहती है.. इसलिए मैं मुठ मार के काम चला लेता हूँ।
इस सेक्स स्टोरी में अभी तक आपने पढ़ा था कि ग्रुप सेक्स की ताबड़तोड़ चुदाई हुई. सभी ने रात को चार बजे तक चुत और गांड की चुदाई का मजा लिया. लड़कियों ने भी बदल कर लंड लिए और सब थक कर वहीं ढेर हो गए और सो गए.
दोस्तो, हिंदी इंडियन सेक्स स्टोरीज में आपने अब तक पढ़ा था कि पण्डित जी शीला की जवानी को भोगने के चक्कर में उसको पूजा करवाने के लिए फंसा चुके थे. अब पण्डित जी ने उसके साथ आसन लगाने की विधि शुरू कर दे थी जिससे शीला की चुदास बढ़ने लगी थी.
प्रेषक : रोशन झा
प्रेम गुरु की कलम से
वो पूरा निपुण खिलाड़ी था, कोई भी जल्द बाजी नहीं दिखा रहा था, उसने फर्श पर बैठकर मेरी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख लिया और मेरी दोनों मक्खन जैसी चिकनी जांघों को एक एक करके चाटने लगा।
Bihari ne Punjaban Kamsin ki Seal Todi
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मां और उसके दोनों बेटे आपस में चुदाई करने के बाद बाथरूम में गए और नहाने के बहाने फिर से कई बार अलग-अलग मुद्रा में चुदाई की. फिर सब कपड़े पहनकर सामान्य माँ-बेटों की तरह तैयार हो गए क्योंकि मयूरी के घर आने का वक्त हो चला था. थोड़ी देर में मयूरी घर आई और अपने कमरे में चली गयी. कमरे में वो और उसके दोनों भाई अकेले थे. और थकान के कारन शीतल अपने कमरे में आराम कर रही होती है. मयूरी अकेले में अपने भाइयों से पूछती है:
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार!
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं सुहानी चौधरी आप सब अन्तर्वासना के पाठकों का एक बार फिर से स्वागत करती हूँ अपनी अगली कहानी में।
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दोस्तो,
अब तक की इस हिंदी सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि मोना और काका की चुदाई की तैयारी चल रही थी।
कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अपने घर को कानपुर चल पड़ा. हड़ताल के कारण कई दिनो से मेरा मन होस्टल में नहीं लग रहा था. मुझे माँ की बहुत याद आने लगी थी. वो कानपुर में अकेली ही रहती थी और एक बैंक में काम करती थी. मैं माँ को आश्चर्यचकित कर देने के लिये बिना बताये ही वहाँ पहुँचना चाहता था.
दोस्तो, सबसे पहले आप सभी से क्षमा प्रार्थी हूँ कि मैं 3 साल के लम्बे अंतराल के बाद अब अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पर वापस आ पाया हूँ. मैं सरकारी नौकरी की अपनी तैयारियों की वजह से बहुत ज्यादा व्यस्त था.
प्रेषक : राजेश राय