कैसे की मैंने दोस्त की मम्मी की चूत की चुदाई-1
दोस्तो, मेरा नाम रोहित है.. मैं नई दिल्ली का रहने वाला हूँ।
दोस्तो, मेरा नाम रोहित है.. मैं नई दिल्ली का रहने वाला हूँ।
कहानी का पहला भाग : समझदार बहू-1
जीजाजी से मेरी रोजाना बात होती थी और उनकी बातों का मुख्य विषय सेक्स ही होता था। पहले मुझे उनकी बातों से बोरियत होती थी पर कभी कभी अच्छी भी लगती थी !
दोस्तो, आप सभी को मेरा नमस्कार। आज मैं आपको एक सच्ची घटना दीदी की चुदाई की बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपनी चचेरी बहन को अपने बच्चे की माँ बनाया।
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और चूत या मुठ मारकर पानी निकला है।
अन्तर्वासना के पाठकों को आपकी अपनी अर्चना का प्यार ! आगे की कहानी पढ़ने से पहले मेरी पिछली कहानियाँ जरूर पढ़ें।
गौर से देखने पर मुझे अहसास हुआ कि कामना ने टॉप के नीचे कोई अधोवस्त्र नहीं पहना था, क्योंकि उन पहाडि़यों की ऊपरी चोटी पर स्थित अंगूर के दाने का अहसास हो रहा था, ऐसी अनुभूति हो रही थी जैसे वर्षों से प्यासे किसी राही को एक छोटे से जल स्रोत का पता चल गया हो, मेरी शारीरिक परिस्थितियों ने विषम रूप धारण करना प्रारम्भ कर दिया, जिसकी परिणीति मेरी पैंट के ऊपरी मध्य हिस्से में देखी जा सकती थी।
हाई डार्लिंग…
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लेखक : इमरान
दोस्तो, बाहर बारिश हो रही है और अकेले बैठे बैठे एक आइडिया आया, तो एक कहानी के रूप में आपके सामने पेश है, मज़ा लीजिये।
लेखिका: अलीशा
दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है, पहले मैं दिल्ली में रहता था अब जॉब चेन्ज करने के कारण चण्डीगढ़ शिफ्ट हो गया हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। दोस्तो इस बार कहानी लिखने में ज्यादा देर हो गई इसलिए आप सभी से माफी मांगता हूँ। नई जगह नौकरी होने के कारण कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहा, जैसे ही समय मिला, आपके सामने नई कहानियां लेकर हाजिर हूँ।
आंटी भी खड़ी-खड़ी भीग चुकी थीं, बहुत सेक्सी लग रही थीं, उन्होंने सफेद रंग का सूट पहना था जो भीगने के कारण आंटी के शरीर से चिपका हुआ था। उनका 34 साइज़ का सीना मेरे सामने चमक रहा था। उनकी ब्रा सफेद सूट में से नजर आ रही थी और उनका पेट तो बहुत ज्यादा कामुकता बिखेर रहा था।
अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज के सभी पाठकों को आशिक की तरफ़ से नमस्कार. मैं आपको अपनी मकान मालकिन भाभी की कामुकता की आग की कहानी बता रहा हूँ. इस कहानी को पढ़कर सभी भाभी लोग मेरे लंड के नाम की अपनी चुत में उंगली करेंगी.
दोस्तो आ गई मैं नए पार्ट के साथ, अब कहानी में अलग मोड़ आ गया है तो चलो देखते हैं आगे क्या हुआ. जहाँ पिछला पार्ट खत्म हुआ था, वहीं से शुरू करते हैं.
प्रेषिका : नीनू
मेरा नाम अरुण है, मुम्बई का रहने वाला हूँ। आज मैं आपको अपनी आत्मकथा बताऊँगा।
दोस्तो, आज मैं आपको एक बड़ी पुरानी कहानी सुनाने जा रहा हूँ। अभी कुछ दिन पहले हमारे पड़ोस में रहने वाली श्यामा आंटी का निधन हो गया, वो 55 साल की थी और उन्हें कैंसर था।
मेरा नाम नवीन पूनिया है, मैं वैसे तो हरियाणा का निवासी था लेकिन अब दिल्ली में रहता हूँ, मेरी छोटी बहन 20 साल की है और मैं 25 का हूँ.
प्रेषक : अमित
दोस्तो, मेरी कहानी कमसिन भांजी की कुँवारी बुर का दूसरा हिस्सा मैं आपके सामने पेश कर रहा हूँ।
दोस्तो, अब मैं आपको काले के बारे में बता दूं जिससे चुदने की बात मैंने ढिल्लों से कह डाली थी। काले का कद लगभग ढिल्लों जितना ही था, यही कोई साढ़े छह फुट के करीब। रंग उसका ढिल्लों से भी काला था, आंखें बड़ी बड़ी गहरी लाल, ढिल्लों से भी सुडौल और बड़े शरीर का मालिक, देखने में सिरे का बदमाश लगता था और शायद कोई नशा भी करता था, जिसके कारण उसकी आंखें हमेशा चढ़ी रहती थीं।
मेरा नाम दिव्यांश जैन है, यह कहानी मैंने अपनी बहन टीना की आईडी से भेजी है. वो मेरी राजदार है. मेरी मॉम का नाम मालिनी जैन है. मेरी उम्र 18 साल है और उनकी 39 है. मेरे पापा का उनकी दोस्त की वाइफ के साथ चक्कर चल रहा था. ये बात जब मॉम को पता चली तो घर में बहुत लड़ाई होना शुरू हो गई थी. माँ ने पापा से बोलना बंद कर दिया था.
मेरा नाम मधुर है और मैं बी.टेक के फाइनल ईयर का स्टूडेंट हूँ। मैं नौकरी के लिए चुना जा चुका हूँ।