सास विहीन घर की बहू की लघु आत्मकथा-3
लेखिका: दिव्या रत्नाकर
लेखिका: दिव्या रत्नाकर
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कुछ देर बाद जब रंजना अंदर आई तब हमारा ध्यान भंग हुआ। वह दो गिलास दूध लिये थी जो उसने हम दोनों को ही पिलाया।
प्रेषक : संदीप शर्मा
दोस्तो, मेरा नाम कृति है, और मैं आज अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ। मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं, और लोगों की कहानियाँ पढ़ कर मैंने सोचा, यार जब सब अपनी अपनी कहानी लिख रहे हैं, और कुछ दूसरे लेखकों से लिखवा रहे हैं, तो क्यों न मैं भी अपनी कहानी लिख कर देखूँ। मगर बहुत कोशिश के बाद भी मुझे मेरी लिखी कहानी पसंद नहीं आई। तो मैंने अन्तर्वासना के एक लेखक वरिंदर सिंह से ईमेल पर राबता कायम किया और उनसे अपनी कहनी लिखने को कहा, उनसे बहुत सी बातें हुई, उन्हें मैंने अपनी वो सभी डिटेल्ज़ दी, जो उन्होने मुझ से मांगी। और फिर जो कहानी उन्होने मुझे लिख कर भेजी, वो आज आपके सामने है, ये मेरी सच्ची कहानी है, पढ़िये और मज़ा कीजिये।
नमस्कार दोस्तो, मैं आपकी प्यारी कविता, सभी सेक्सी माँ और बेटों को मेरा प्रणाम. मेरी इस सेक्स कहानी के दूसरे भाग में आप लोगों ने पढ़ा था कि मैंने कैसे अपने सगे बेटे को पटाया, उसके साथ शिमला गई और अय्याशी की.
मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ.. आज तक मैंने लगभग सभी कहानियाँ पढ़ीं हैं।
बसंती के जाने के बाद तीन दिन तक कुछ नहीं हुआ। मैं हर रोज़ उसकी चूत याद करके मुठ मारता रहा। चौथे दिन मैं अपने कमरे में पढ़ रहा था। लेकिन एक हाथ में लण्ड पकड़े हुए! और तभी सुमन भाभी वहाँ आ पहुंची। झटपट मैंने लण्ड छोड़ कपड़े ठीक किए और सीधा बैठ गया।
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नमस्कार दोस्तो, मैं काफी दिनों के बाद कोई हॉट स्टोरी लिख रहा हूँ. उम्मीद करता हूँ पिछली वाली गर्म सेक्स कहानी की तरह ये भी आपको पसंद आएगी.
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मैंने झट से गाउन उठा कर पहना, वहाँ बिखरे साड़ी, कपड़े उठा कर छिपाए, बाल ठीक किए, दरवाजा खोला तो सामने श्रेया ! सरप्राइज़.. श्रेया मेरी पेईंग गैस्ट !
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प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा
कहानी का पहला भाग: जुदाई ने मार डाला-1
अब मैंने एक झटके में रंडी मम्मी के मुँह में अपना लंड डाल दिया। मैंने उत्तेजनावश इतनी जोर से डाला कि मेरा लंड रंडी मम्मी के गले तक पहुँच गया।
मेरा नाम राहुल सेन है. मैं अहमदाबाद में जॉब करता हूँ. ये कहानी उन दिनों की है, जब मेरा अहमदाबाद में नया नया जॉब लगा था. अहमदाबाद में अपने फ्रेंड्स के साथ एक साल तक रहा. फिर वे भी सब अपने अपने घर चले गए. उसके बाद मैं अकेला ही रहने लगा. मुझे चुत चोदने का मन तो बहुत कर रहा था, लेकिन कोई चुत नहीं मिल रही थी. मैंने चोदने के लिए बहुत सारी लड़की ढूँढी पर कोई नहीं मिली.
मेरे दोस्त के ऑफिस में एक लड़की थी जिसका नाम था आकांक्षा.
कैसे हो दोस्तो! यह मेरी पहली कहानी है। मेरा नाम नमन है मैं मुंबई का रहने वाला हूँ, इंजीनियरिंग कर रहा हूँ मुंबई में ही! मेरा कद 5’9″ है और हट्टा कट्टा नौजवान हूँ। जैसा कि सब कहते हैं, मैं भी सेक्स का बहुत शौक़ीन हूँ। हमेशा मेरे दिलो दिमाग में सेक्स घूमता रहता है, मुझे चूत से बहुत प्यार है।
प्रेषक : ध्रुव सिंह
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आप सभी को रवि का खड़े लंड से नमस्कार। मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूँ जो मुझे याद करते रहते हो और मेरी कहानियों को इतना प्यार देते हो। सभी लड़कियों और औरतों का भी धन्यवाद.. जो मेरी कहानियाँ पढ़ने के बाद मुझसे बातचीत करती हैं। बहुत से कपल दोस्त.. जो मुझसे लगातार जुड़े रहते हैं और अन्तर्वासना की कहानियों को और दूर तक भेजते हैं.. उनका भी तहे-दिल से बहुत ज्यादा धन्यवाद।
हाय दोस्तो, मैं सैम हूँ.. मेरी हाइट 5 फ़ीट 11 इंच है। मेरे लण्ड की लम्बाई 8 इंच और मोटाई 3 इंच है। मैं रायगढ़ जिले का हूँ.. यह कहानी भी वहीं की है।
नमस्कार दोस्तो.. मेरा नाम अंकुर है। मैं उत्तर प्रदेश के आगरा का रहने वाला हूँ। मेरी हाइट 6 फुट की है.. रंग एकदम गोरा है।
दोस्तो, मेरा नाम विराट सिंह है. मेरी उम्र 24 साल है, मैं पंजाब का रहने वाला हूँ. मैंने अन्तर्वासना की बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं और उनको एन्जॉय भी किया है.