विदुषी की विनिमय-लीला-6
लेखक : लीलाधर
लेखक : लीलाधर
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मैं सिप्पी राय टिब्बी गाँव का रहने वाला हूँ।
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मेरी चूत चुदाई की कहानी में पढ़ें कि मेरी चूत के अंदर जबरदस्त आग लगी हुई थी और वह कब से पानी छोड़ रही थी. पानी से मेरी पैंटी भी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
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प्रेषक : रिन्कू गुप्ता
पिछले पार्ट से आगे..
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पिछला भाग: जीजू के साथ मस्त साली-1
दोस्तो, आप लोगों के प्यार को देख कर मैं अपनी एक और दास्तान ले कर वापस आया हूँ.
संध्या और मोहन की माँ आपस में गुत्थम गुत्था हो गईं और दोनों की जीभें आपस में एक दूसरे से छेड़खानी करने लगीं। संध्या खींच कर माँ को दर्पण के पास ले आई और उसे दर्पण की ओर खड़ा करके पीछे से उसके स्तनों को मसलने लगी और फिर पीठ पर चुम्मियाँ लेते हुए नीचे की ओर जाने लगी। माँ खुद को दर्पण में नंगी देख रही थी लेकिन दूसरी ओर से मोहन अपनी माँ को पहली बार इतनी करीब से नंगी देख रहा था।
प्रेषिका : स्लिमसीमा
सारिका कंवल
दोस्तो, मेरा नाम बबलू है और एक बार फिर से अन्तर्वासना पर अपनी अगली चुदाई की दास्तान के साथ आप सब के सामने हाज़िर हूँ।
भाई से चुद कर मेरी छोटी बहन की चुदास और बढ़ गई, वो बीच रात में भाई से चुद रही थी। बहन की चुदाई के बाद नम्बर आया मेरी गांड का… और उसके बाद साहिल की गांड हमने डिल्डो से मारी।
माँ-बेटों की चुदाई की तैयारी
कैसे बन गया मैं चुदक्कड़ गांडू और मेरी बाकी कहानियों को प्यार देने के लिए शुक्रिया!
हैलो दोस्तो.. मैं अरुण एक बार फिर से आप सब बंदों और बंदियों का पानी निकालने के लिए एक नई स्टोरी आप सभी के सामने लाया हूँ। इससे पहले आपने मेरी पिछली कहानी पढ़कर मुझे अपने सुझाव भी दिए जो मुझे बहुत अच्छे लगे। साथ-साथ कुछ लड़कों से दोस्ती भी हुई है.. जो मुझसे कह रहे हैं कि मैं उनकी भी स्टोरी को लिख कर पोस्ट करवा दूँ।
कहानी – हर्ष पाण्डेय
प्रेषिका : सिमरन सोधी
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कैसे हो दोस्तो…मैं शालिनी जयपुर वाली…याद तो हूँ ना मैं…
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अब तक की इस फनी सेक्स स्टोरी के तीसरे भाग