भाई बहन ने देखी माँ की रासलीला
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नमस्कार दोस्तो.. मैं काशी आपके सामने अपना एक और सच्चा अनुभव लेकर आया हूँ। पहले मैं आप सबका शुक्रिया अदा करना चाहूँगा कि आप सबने मेरी कहानी
कहानी का पिछला भाग : जब संजना ने स्पेनिश लौड़ा लिया-1
माया देवी
दर्शन डैश
मां अपनी बेटी को अपने चोदू यार हवाले कर गई थी, अभी तक वो उस कुंवारी लड़की को गर्म कर चुका था, सेक्स स्टोरी का आगे मजा लीजिये कि पप्पू ने उसकी कुंवारी चूत की सील कैसे तोड़ी.
अनीता को रॉकी ने अपनी बांहों में उठाया और अनीता ने उसके गले में हाथ डाले, रॉकी उसको लेकर बेडरूम चला गया।
नमस्कार दोस्तो।
कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अपने घर को कानपुर चल पड़ा. हड़ताल के कारण कई दिनो से मेरा मन होस्टल में नहीं लग रहा था. मुझे माँ की बहुत याद आने लगी थी. वो कानपुर में अकेली ही रहती थी और एक बैंक में काम करती थी. मैं माँ को आश्चर्यचकित कर देने के लिये बिना बताये ही वहाँ पहुँचना चाहता था.
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अब तक की इस सेक्स स्टोरी के पहले भाग
अब तक आपने पढ़ा..
मेरा नाम सोनिया जैन है, 26 साल की हूँ, मेरा एक भाई है, वो मुझसे दो साल बड़ा है।
मेरा नाम नीना है और मैं पटियाला में रहती हूँ। मेरी उम्र इस वक़्त 32 साल है, अभी तक शादी नहीं हुई है। वजह है मेरा बेडोल मोटा शरीर, काला रंग और बेहद साधारण से नैन नक़्श। मतलब यह कि मुझमें ऐसी कोई भी बात नहीं जिससे कोई मेरी तरफ आकर्षित हो। इसी वजह से अब तक जितने भी लड़के मुझे देखने आए, सब मुझे रिजैक्ट करके चले गए।
प्रेषक : प्रेम सिसोदिया
नमस्कार दोस्तो… मेरी पिछली कहानी
अन्तर्वासना की सेक्सी स्टोरी पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरा वासना भरा नमस्कार!
मेरे प्यारे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम मन्जू वर्मा है, और मैं अभी 56 साल की हूँ। मैं एक वृद्ध आश्रम में रहती हूँ। अब देखा जाए तो अभी मैं इतनी बूढ़ी भी नहीं हुई हूँ कि मैं किसी वृद्ध आश्रम में रहूँ, मगर मेरा बेटा मुझे यहाँ छोड़ गया है। यहाँ तो बहुत ही बूढ़े लोग हैं, और मैं सबसे छोटी हूँ, अभी तो मेरे बाल भी आधे से ज़्यादा काले हैं।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। मैं अभी आपको गुजरात के सूरत में अपनी एक दोस्त पायल की चुदाई की कहानी बता रहा हूँ। अभी मैं उसकी चुदाई से निपटा हूं और अब कल के बारे में सोच रहा हूं जब उसका पति अपना काम करके वापस लौटेगा। पायल के कहने से मैं उसके भाई कादोस्त बनने को तैयार तो हो गया हूं, पर मन में यह डर बना रहा कि यदि उसका पति मेरी इस पहचान से संतुष्ट नहीं हुआ तो एक नई मुसीबत खडी हो जाएगी। यही सोचते हुए मुझे नींद आ गई।
प्रेषक : अरुण
यह कहानी मेरे एक दोस्त इम्तियाज़ की है, उसी के शब्दों में पेश कर रहा हूँ !
यह उस समय की बात है जब मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली रहने के लिए गया था। रोहिणी में मैंने किराये पर एक कमरा और रसोई ले रखी थी। खुद ही पका कर खाता था। नौकरी की तलाश चल रही थी। मेरा एक दोस्त था कबीर। उम्र मेरे जितनी ही थी चौबीस साल। वो अपनी माँ के साथ मेरे बगल वाले कमरे में रहता था। उसके पास भी एक कमरा और रसोई ही थे। उसकी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लगी हुई थी और वो मेरी नौकरी के लिए भी मेरे साथ था। मुझे दिल्ली आये तीन महीने हो चुके थे और पर नौकरी थी कि मिल ही नहीं रही थी। मैं अक्सर इस बात के लिए परेशान रहता था।
मैं जतिन शाह, मेरी उम्र 20 वर्ष है, मैं काफ़ी गठीले बदन का 5′ 9″ का बांका जवान हूँ।
मेरा नाम करण है, मैं 28 साल का हूँ, साउथ दिल्ली में रहता हूँ। दिल्ली की एक निजी कम्पनी में कार्यरत हूँ।
आप सभी लण्ड मनचलों और गरमा-गरम चूतों को मेरा एक और प्रणाम।