अपने यार को प्यार नहीं करोगी?
पहलू दो- संजीव का फ़साना
पहलू दो- संजीव का फ़साना
इमरान सलोनी ने दरवाजा खोला- ओह आप आ तो गए… क्या हुआ प्रणव भैया ??? उसने सलोनी को देख एकदम से गले लगाया और उसके गाल को चूमा… प्रणव हमेशा ऐसे ही मिलता था… विदेशी कल्चर… और उसकी पत्नी रुचिका भी… उसने नजर भरकर सलोनी को देखा… प्रणव- वाह सलोनी… आज तो मस्त सेक्सी लग रही हो… सलोनी- अरे रुचिका कहाँ है भैया… प्रणव- अरे क्या कहूँ हम दोनों यहीं आ रहे थे… कि रुचिका के मॉम-डैड का फ़ोन आ गया… वो कहीं जा रहे थे… मगर कुछ इमर्जेन्सी हो गई… तो अभी आधे घंटे बाद उनका प्लेन यहीं आ रहा है… हम दोनों उनको ही लेने जा रहे हैं… सॉरी यार फिर कभी जरूर आएंगे… मैं- अरे यार एकदम… ये सब कैसे? प्रणव- यार फिर बताऊंगा… मुझे तो इस पार्टी को मिस करने का बहुत दुःख है… अच्छा यार ज़रा जल्दी में हूँ… माफ़ कर दो… तुम दोनों मुझको… उसने एक बार फिर सलोनी को अपने गले लगाया… इस बार मैं पीछे ही था, मैंने साफ़ देखा उसके बायाँ हाथ सलोनी के चूतड़ों पर था… फिर वो तेजी से बाहर को निकल गया… मैं भी जल्दी से बाहर को आया… उसको सी ऑफ करने के लिए… मैं उसके साथ ही नीचे आ गया… रुचिका को भी एक नजर देखने के लिए… रुचिका उसकी महंगी कार में ही बैठी थी… मैं उसकी ओर गया… उसने तुरंत दरवाजा खोला… रुचिका ने पिंक मिनी स्कर्ट और टॉप पहना था… जैसे ही वो नीचे उतरने लगी… उसके बायाँ पैर जमीन पर रखते ही… उसकी स्कर्ट ऊपर हो गई… और दोनों पैर के बीच बहुत ज्यादा गैप हो गया… मुझे उसकी नेट वाली लाल कच्छी दिखी… मेरी नजर वहीं थी कि… रुचिका- ओह अंकुर एक मिनट… मैं सॉरी बोल पीछे हटा… रुचिका ने बाहर आ मेरे सीने से लग गाल को हल्का सा चुम्बन किया… मुझे प्रणव की हरकत याद आ गई… मैंने भी अपना बायाँ हाथ रुचिका के चूतड़ों पर रखा… ओह गॉड मेरी किस्मत… मेरी उँगलियों को पूरी तरह से नंगे, मक्खन जैसे चूतड़ों का स्पर्श मिला… बैठने से रुचिका की स्कर्ट पीछे से सिमट कर ऊपर हो गई थी… और उसने शायद लाल टोंग पहना था… जिससे उसके चूतड़ के दोनों उभार नंगे थे… मेरी उँगलियाँ खुद ब खुद उसके चूतड़ों के मुलायम गोश्त में गड़ गई… मैंने भी रुचिका के गाल पर चुम्मा लिया… और जब गाड़ी में देखा तो प्रणव ड्राइविंग सीट पर बैठ गया था… और वो मेरे हाथ को देख कर मुस्कुरा रहा था… मैंने जल्दी से रुचिका को छोड़ा और पीछे हट गया… रुचिका- सॉरी प्रणव… फिर बनाएँगे यार प्रोग्राम… अब तुम दोनों आना हमारे घर… मैं- कोई बात नहीं… ये सब भी देखना ही था… ठीक है… रुचिका घूमकर गाड़ी में बैठने लगी… उसने अभी भी अपनी स्कर्ट ठीक नहीं की थी… उसके चूतड़ों की एक झलक मुझे मिल गई… ना जाने मुझमे कहाँ से हिम्मत आ गई… मैंने रुचिका को रोका और उसकी स्कर्ट सही कर दी… रुचिका- क्या हुआ अंकुर।?? मैं- अरे या… स्कर्ट ऊपर हो गई थी… रुचिका- ओह… थैंक्स… प्रणव- हा हा हा… रुचिका आज… सलोनी तुमसे कहीं ज्यादा सेक्सी लग रही थी… रुचिका चिढ़कर- …तो नीचे क्यों आ गए… वहीं रुक जाते ना… मैं अंकुर के साथ चली जाती हूँ… प्रणव- ओह यार… मैं तो तैयार हूँ… क्यों अंकुर…?? मैं- हाँ हाँ… ठीक है… सोच ले… मुझे भी उनके सामने कुछ बोल्ड होना पड़ा… प्रणव ने गाड़ी स्टार्ट की- ..चल अच्छा फिर कभी सोचेंगे… वरना इसके पापा सोचेंगे… कि यार मेरी बेटी का पति कैसे बदल गया… और मैं उन दोनों को विदा कर ऊपर आ गया… दरवाजा खुला था… मैं अंदर गया… मधु हमारे बैडरूम के दरवाजे पर खड़े हो चुपचाप अन्दर झाँक रही थी… मैं चुपके से वहाँ गया, मुझे देखते ही वो डरकर पीछे हो गई… मैंने भी अंदर देखा… एक और सरप्राइज तैयार था… अंदर अरविन्द अंकल और सलोनी थे… मैं थोड़ा आश्चर्यचकित हो जाता हूँ… कहानी जारी रहेगी।
मैंने उससे पूछा- इतनी लड़कियाँ तेरे संपर्क में आई कैसे?
मेरा नाम विक्रम है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ पर वास्तव में मैं पैदाइशी मोदीनगर का हूँ, वहाँ हमारा पूरा परिवार रहता है।
अभी तक आपने पढ़ा..
चिंकी अब उम्र में 18 साल की हो चुकी थी, एक दिन उसकी माँ ने सोचा कि आज इसकी परीक्षा लेती हूँ।
कैसे हो आप? मैंने अन्तर्वासना की हर कहानी पढ़ रखी है! आज मैं भी अपना एक ख़ुद का अनुभव लिख रहा हूँ, यह जो मैं कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरी चाची और मेरी है।
चुदासी चाची की चूत चूस कर जोरदार चुदाई
प्रेषक : जोर्डन
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अब तक आपने इस सेक्स स्टोरी में पढ़ा कि मैं नम्रता आंटी को नंगी नहाते हुए देख रहा था, आंटी सेक्स की प्यास बुझाने के लिए अपनी उंगलियों से अपने दोनों छेदों में मजा ले रही थीं।
दोस्तो, मैं फेहमिना एक नई कहानी के साथ आप सबके सामने हाज़िर हूँ। यह कहानी मेरे एक प्रशंसक ने भेजी है।
प्रिय अन्तर्वासना पाठको
मैं : ना मौसी ना ! मेरी फ़ट जा गी ! तू मन्ने बख्श दे ! मन्नै नी लेणे मज़े !
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अब तक आपने पढ़ा..
अन्तर्वासना के पाठकों को एक बार फिर से मेरा प्यार और नमस्कार! अपने बारे में ज्यादा ना बताते हुए क्योंकि कहानी के पहले भाग में मैं अपने बारे में बता चुका हूँ, मैं अपनी कहानी आगे बढ़ाता हूँ .
अब तक आपने पढ़ा कि रश्मि ने देखा कि उसकी नौकरानी शब्बो ड्राईवर के साथ गैराज में चुदाई करवा रही थी और रश्मि के देखने के बाद भी राजू ड्राईवर ने चुदाई जारी रखी तथा बाद में रश्मि को भी अपना लौड़ा दिखा दिया।
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मेरा नाम मनीष है.. मैं 21 साल का हूँ। मैं आप सभी को आज एक अपनी कहानी बताने जा रहा हूँ।
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अब तक आपने पढ़ा कि गीता को इस बात की चिंता हो गई थी कि वो चुदाई के कारण माँ बनने वाली है. उसके इसी भय के चलते उसको एक फर्जी डॉक्टर के पास ले जाया गया जो उसकी चुत के साथ खिलवाड़ करते हुए उसकी वीडियो बनाने लगा.
साधना को बेड पर लेटा कर अशोक अपने कपड़े उतारने लगा और साधना बेड पर पड़े पड़े उसको देखती रही। चंद पलों में ही अशोक अपनी माँ के सामने उसी अवस्था में खड़ा था जिस अवस्था में वो 24 साल पहले पैदा हुआ था।
चुदासी मम्मियों को और चोदू बेटों को मेरा नमस्कार. मैं कविता दुबे … मुझे आप सभी के बहुत सारे संदेश आये, धन्यवाद सभी पाठकों को.
मेरा नाम दिव्यांश जैन है, यह कहानी मैंने अपनी बहन टीना की आईडी से भेजी है. वो मेरी राजदार है. मेरी मॉम का नाम मालिनी जैन है. मेरी उम्र 18 साल है और उनकी 39 है. मेरे पापा का उनकी दोस्त की वाइफ के साथ चक्कर चल रहा था. ये बात जब मॉम को पता चली तो घर में बहुत लड़ाई होना शुरू हो गई थी. माँ ने पापा से बोलना बंद कर दिया था.