हम भी इन्सान हैं-1
प्रेषक : सिद्धार्थ शर्मा
प्रेषक : सिद्धार्थ शर्मा
पांच मिनट बाद वह आया और मेरे पास बैठ गया- सॉरी दीदी, शायद मैं ही अनाड़ी हूँ, आप तो लड़की हो, मुझे ही सही से हैंडल करना चाहिए था।
मैं अपनी कहानी आज मेरे पाठको के पास पहली बार प्रस्तुत कर रहा हूँ। यह मेरी एक सच्ची कहानी है। इसमें ग़लत और झूठ कुछ भी नहीं है!
उसके जाने के बाद मैं जैसे ही पर्दे के बाहर निकला कि अचानक दरवाजा खुला और वो मेरे सामने थी।
🔊 यह कहानी सुनें
हैलो दोस्तो.. मेरा नाम करिमा मुल्ला है। मैं आज आपको एक सच्ची हिंदी पोर्न स्टोरी बताने जा रही हूँ। मेरे घर में मैं 45 वर्षीया, मेरे पति 46 वर्षीय, मेरा बेटा 22 वर्षीय, उसकी बीवी 21 वर्षीया, मेरा छोटा बेटा 18 वर्षीय.. हम सब रहते हैं।
सन्ता और बन्ता दोनो वकील थे और मिल कर एक फ़र्म बना कर काम करते थे।
प्रेमशिर्ष भार्गव
प्रेषक : ललित सिंह
दोस्तो, एक बार फिर आप सबके सामने आपका प्यारा शरद एक नई कहानी के साथ हाजिर है।
सम्पादक – जूजा जी
दोस्तो, मेरा नाम है वरिंदर, मैं गाज़ियाबाद का रहने वाला हूँ, मैं अन्तर्वासना का बेहद शौक़ीन आदमी हूँ। इसकी हर चुदाई को पढ़-पढ़ कर मुझे बहुत आनंद आता है और रात को मैं लैपटॉप पर हिंदी सेक्स स्टोरी अपनी बीवी को पढ़वा कर फिर उसको चोदता हूँ।
मेरा नाम नेहा पाण्डेय है। यह मेरी पहली हिंदी देसी कहानी है।
दोस्तों, आज दिन भर मैं ऑफिस में सिर्फ मिक्की के बारे में ही सोचता रहा। कल जिस तरह से खूबसूरत घटनाएँ हुई थी, मेरे रोमांच का पारावार ही नहीं था। इतना खुश तो मैं सुहागरात मना कर भी नहीं हुआ था। मैं दिन भर इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि कैसे मिक्की और मैं एक साथ अकेले सारी रात भर मस्ती करेंगे। न कोई डर न कोई डिस्टर्ब करनेवाला। सिर्फ मैं और मिक्की बस।
मेरी राय उन सभी लड़कों के लिए है जो अकेले हैं, जिनके पास ना कोई सेक्स टॉय है, ना ही कोई छेद की व्यवस्था है मतलब शादीशुदा नहीं हैं, ना कोई महिला मित्र है मैथुन क्रिया के लिए।
अब तक आपने पढ़ा..
अभी तक आपने पढ़ा कि रवि के साथ सुहागरात मनाने के बाद अगली सुबह मैं उसके साथ अखाड़े में गया और वहाँ जाकर किस्मत ने संदीप के रुप में मेरे मुंह पर एक और तमाचा मारा जिसकी गूंज अभी मिटी भी नहीं थी कि रवि ने मुझे अपनी बहन की शादी वाली एल्बम दिखा दी जिसमें उसकी गर्लफ्रेंड का फोटो था. यह वही लड़की थी जिसको मैंने संदीप के साथ बस में उसका लंड चूसते हुए देखा था.
सभी पाठकों को अंश बजाज की तरफ से नमस्कार..
उसके पैर चूमते हुए उसकी साड़ी ऊपर करते हुए, उसकी नरम जाँघों तक आ गया। क्या खूबसूरत मखमली जांघें थीं। मैं दोनों जाँघों पर अपने होंठ से उसको मदहोश कर रहा था। वो अपना सिर जोर जोर से आजू-बाजू घुमा रही थी, अपने होंठ, दाँतों से चबा रही थी।
दोस्तो, मेरा नाम निखिल है और मैं पुणे का रहने वाला हूँ। वैसे मैं अभी 20 साल का हूँ और अमेरिका में पत्रकारिता की स्टडी करने आया हूँ।
स्वामी आज मुझ पर रहम करने के मूड में बिल्कुल नहीं था। उसने वापस अपने लंड को पूरा बाहर खींचा तो एक फक सी आवाज आई जैसे किसी बोतल का कॉर्क खोला गया हो।
लेखक : नामालूम
दोस्तो.. आज हम सब की प्यारी सविता भाभी की चुदाई की वो अनजानी कहानी पेश है.. जिसके बारे में कभी मालूम नहीं चल सका था।
दो-चार धक्कों में ही मैंने अपना सारा माल नीता भाभी की चिकनी चूत में डाल दिया और साफ़ करने के लिए बाथरूम की ओर चल दिया।
हैलो दोस्तो, कैसे हो आप सब?