कमसिन कम्मो की स्मार्ट चूत-3 – Jawani Ki Pyas Ki Kahani
फोन लेकर कम्मो बहुत खुश नजर आ रही थी. हम रेस्तरां के केबिन में बैठे थे.
फोन लेकर कम्मो बहुत खुश नजर आ रही थी. हम रेस्तरां के केबिन में बैठे थे.
लेखक : सन्दीप शर्मा
निशा शाह
फ्रेंड्स, मेरी पिछली सेक्सी स्टोरी आप लोगों ने बहुत पसंद की, उसके लिए आप सबका शुक्रिया!
सम्भोग-सुख को दुनिया के महानतम सुखों में भी सर्वोत्तम सुख की संज्ञा से परिभाषित किया गया है, हर जाति, हर क़ौम और हर विकाशशील व विकसित देश के सर्वोच्च बुद्धिजीवियों द्वारा नवाज़ा और अनुमोदित किया गया है। मानव जीवन की यह एक विशालतम वास्तविकता है, क्यूँकि किसी भी यौन-अतृप्त स्त्री या पुरुष के द्वारा मानव-कल्याण का कोई भी महत्वपूर्ण कार्य यथोचित रूप से सम्पन्न नहीं किया जा सकता।
सम्पादक : इमरान
कल्पना अलग पड़ी थी। योनि बाढ़ से भरे खेत की तरह बह रही थी और मन बिन बारिश के खेत की तरह सूखा। वह यों ही सोचती पड़ी रही। सब कुछ यंत्रचालित सा एक झोंके में हो गया था।
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मैं रोनित एक बार फिर आपकी सेवा में हाज़िर हूँ। मैं आपको आज एक कहानी बताने जा रहा हूँ, जो एक मीठी घटना के रूप में मेरे जीवन में दो साल पहले घटी थी।
आपकी फेहमिना एक नई चुदाई की कहानी लेकर आपके सामने हाजिर है। यह हिंदी सेक्स स्टोरी मुझे मेरे एक फेसबुक दोस्त ने भेजी है, आशा करती हूँ कि आप सभी को यह सेक्स कहानी बहुत पसंद आएगी। तो कहानी का मजा लीजिये।
मेरे मित्र भार्गव की शादी थी और हम सभी दोस्त शादी के लिए उसके गाँव हालियापुर गए हुए थे।
मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि बेटी की शादी के बाद मेहमानों से भरे घर में सोने की जगह की दिक्कत के कारण मैं छत पर बनी कोठरी में सो गया। और कुछ देर बाद मेरी पुत्रवधू वहाँ आई। असल में मेरे पुत्र और पुत्रवधू ने इस कोठरी में अपने समागम का कार्यक्रम तय किया होगा। मेरी पुत्रवधू अंधेरे में मुझे मेरा बेटा समझ कर चिपक गई।
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मेरी इस आंटी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने पड़ोसन आंटी की सहेली को चोदा जब वो मुझे एक शादी में ले गई.
चूतनिवास
सम्पादक – इमरान
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Choot Ka Rasiya-1
अन्तर्वासना पर चुदाई की कहानी के शैदाई सभी पाठक दोस्तो, मेरा नाम निशा है. घर में सभी मुझे प्यार से निशु बुलाते हैं. मेरे यार भी मुझे निशु कहते हैं.
जब आँख खुली …काफी दोपहर हो चुकी थी, दोनों को भूख भी लगी थी, दोनों ने साथ-साथ जल्दी से नहा कर हल्के से कपड़े पहन लिए। दोनों बहुत खुश थे और हर समय एक दूसरे को चूम कर छूकर अपनी ख़ुशी का इज़हार कर रहे थे।
सारिका कँवल
हैलो दोस्तो, नमस्कार मैं एक बार फिर आप के सामने अपने ओड़ीसा में बिताए 40 दिन के बारे में बताने के लिए अब तक 20 दिन हो चुके हैं और मैं मोनिका और उसकी दोस्त सोनी को चोद चुका हूँ। यह बात जानने के लिए आप को मेरी कहानियाँ पढ़नी पड़ेंगी।
इस हिंदी सेक्स स्टोरी के पहले भाग
प्रेषक : अन्कित
हेल्लो दोस्तो ! मेरा नाम राजा है बदला हुआ नाम है और ये मेरी और मेरी मामी की है जो एक छोटे से गांव में रहती थी और मेरे मामा की वहां खेती- बाड़ी है। पर वहां सूखा पड़ जाने के कारण मेरे मामा हमारे यहाँ रहने के लिए आ गये तो मेरे पापा ने उनको कहा कि जब तक तुम को कोई काम नहीं मिल जाता तुम लोग हमारे ही साथ ही रहो। तो मेरे मामा मान गए और वो रोज़ मेरे पापा के साथ जाते।