अपना सपना सच हुआ
मुझमें हमेशा से एक दिली इच्छा थी कि गाँव की खूब लंबी चौड़ी और मजबूत बदन की औरत को गचगचा कर चोदा जाए लेकिन दिल की इच्छा कभी बाहर नहीं आ सकी क्योंकि मैं बचपन में दुबला पतला और कद में कम था।
मुझमें हमेशा से एक दिली इच्छा थी कि गाँव की खूब लंबी चौड़ी और मजबूत बदन की औरत को गचगचा कर चोदा जाए लेकिन दिल की इच्छा कभी बाहर नहीं आ सकी क्योंकि मैं बचपन में दुबला पतला और कद में कम था।
मेरी यह कहानी, मात्र कहानी ही है। आदरणीया नेहा दीदी (वर्मा) ने इसमे कुछ संशोधन किया है और इसे आपके सामने सजा-संवार कर प्रस्तुत किया है, मैं दीदी की दिल से आभारी हूँ।
हैलो.. यह मेरे दोस्त की छोटी बहन की चुदाई की कहानी है.. आज से 2-3 महीने पहले जब मैं 2 साल बाद अपने गाँव गया हुआ था.. तो सुबह मैं गाँव के चौंक पर अपने फ्रेंड से मिलने गया हुआ था.. उसी वक्त गाँव के हैण्डपंप पर मुझे एक खूबसूरत सी लड़की पानी भरते नज़र आई। उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि इस यहीं पकड़ कर चोद दूँ..
अब तक आपने पढ़ा..
प्रेषिका : स्लिमसीमा
मैंने वे कपड़े पहन लिए। इतने महँगे कपड़े मैंने पहले नहीं पहने थे… मुलायम कपड़ा, बढ़िया सिलाई, शानदार रंग और बनावट। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मायके में
दोस्तो, मैं आप की प्यारी प्यारी प्रीति शर्मा, आज आप को अपनी एक और हिंदी पोर्न स्टोरी सुनाने आई हूँ। ये पोर्न स्टोरी तब की है, जब मेरी शादी को अभी सिर्फ दो ही महीने हुये थे। उस वक्त मेरे हस्बेंड ने अपना बिज़नस शुरू नहीं किया था, तब वो किसी के साथ पार्टनरशिप में काम करते थे। तो नई नई शादी को सेलिब्रेट करने के लिए इनके पार्टनर ने इन को दुबई का एक हफ्ते का टूर पैकेज गिफ्ट किया। हम दोनों बहुत खुश हुये कि चलो फ्री में दुबई घूमने को मिल गया।
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तो दोस्तो, अब फिर एक बार मेरी ठुकाई की तैयारी पूरी हो चुकी थी, मेरे चोदू यार ने मेरी टाँगें उसने एक बार फिर अपने डौलों पर धर लीं और मेरी तह लगा दी मगर उसने खुद लौड़ा अंदर नहीं डाला और मुझसे बोला- डाल जट्टीये अपने आप अंदर!
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मैं शुरू से ही बहुत शर्मीला था और सदैव पूरे कपड़े पहन कर रखता था जबकि मेरे साथ के सभी लड़के नगधड़ंग गाँव में घूमा करते थे। यहाँ तक कि 11वीं कक्षा में आकर पहली बार जब रात में मेरा लंड खड़ा हुआ और मैंने हस्तमैथुन कर कौमार्य भंग किया तो बड़ी आत्म ग्लानि हुई।
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हम दोनों दस मिनट वैसे ही पड़े रहे.. फिर मैं जैसे तैसे उठी और साफ़ करने बाथरूम गई.. उधर अपनी गान्ड को पानी से साफ़ करने लगी तो मुझे महसूस हुआ कि मेरी गान्ड काफ़ी फैल चुकी है।
इन्स्पेक्टर त्यागी
प्रिय पाठको, ये कहानी मुझे किसी ने भेजी थी मैं सिर्फ इसका सम्पादन किया है।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रॉबी है. मैं इस साइट का आशिक हूँ. जो मज़ा इन कहानियों को पढ़ने में है वो पोर्न फिल्म देखने में नहीं है. यह कहानी कितनी सच है, मैं ये नहीं कहूंगा, पर कहानी आपका नमकीन अमृत बहा देंगी, ये पक्का है. मुझे बचपन से ही सेक्स का शौक है.
अब तक आपने पढ़ा कि कैसे पत्नी अपने भाई से चुदवाने के सपने देख रही थी और उधर भाई अपनी माँ को नंगी देख कर मुठ मार रहा था। इन सब से घर मे चुदाई का माहौल और भी गर्म हो गया था। ऐसे में एक दिन सचिन ने सोनाली को कॉल किया।
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प्रेषक : इमरान खान
मेरा नाम मोहित कुमार है, मैं 23 साल का हूँ और पुणे में कम्प्यूटर की पढ़ाई कर रहा हूँ।
मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
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सबसे पहले मेरी तरफ से नए वर्ष की हार्दिक बधाई, आपका सनी नये साल की रात को भी चुद गया ! जब दिमाग में रहते लंड हों तो दिन कौन सा है, तारीख कौन सी है, नहीं याद रहता !