भाभी की भाभी खुद चुदने चली आई
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हैलो दोस्तो, अन्तर्वासना सेक्स कहानी के आप सभी पाठकों को मेरा प्यार, नमस्कार!
दोस्तो, मेरा नाम विकास है, मेरी उम्र 24 साल है। ये इंडियन गे सेक्स स्टोरीज मेरी सच्ची गांड की चुदाई पर आधारित है, जो मैं आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ।
हाई स्वीटहार्ट
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प्रेषक – नन्द कुमार
लेखक : आदित्य शर्मा
मेरा नाम बिंदु है. मेरी फिगर 32-30-34 की है. मैं एक 28 साल की शादीशुदा औरत हूँ.
प्रेषक : अजय
Chachi Ki Chudas Ka Ilaj-4
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प्रेषक : मुकेश कुमार
(एक रहस्य प्रेम-कथा)
मैं चन्दन पटना का रहने वाला हूँ, आप सभी अन्तर्वासना के पाठकों को लण्डवत प्रणाम करता हूँ।
अब तक आपने पढ़ा..
पाठकों को चूत निवास का नमस्कार और पाठिकाओं की चूतों के लिए लौड़े के 31 तुनके!
क्या हाल है मेरे दोस्तो… मैं जानता हूँ कि यूँ अचानक से कहानी को बीच में छोड़कर ग़ायब हो जाने से मेरे कई पाठक मुझसे ख़फ़ा हैं. यक़ीन मानिए कुछ हालात ऐसे बन गए थे कि लिखने का मन नहीं कर रहा था! पर फिर किसी चाहने वाले से किए हुए वादे की याद आ गई!
हैलो फ्रेंड्स, आपने इस सेक्स स्टोरी में अब तक मोना और गोपाल की चुदाई के बारे में पढ़ा था।
कहानी के पिछले भाग
उस समय मेरा लंड इतना टाइट हो गया था कि लगा जैसे फट जाएगा.. मैं धीरे से उठ कर बैठ गया और अपनी पैन्ट उतार कर लंड को माँ के चूतड़ से सटाने की कोशिश करने लगा… पर कर नहीं पाया। तो मैं एक हाथ से माँ की बुर में ऊँगली डाल कर बाहर निकले चमड़े को सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मुठ मारने लगा.. 2-3 मिनट में ही मैं झड़ गया।
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे दिखाने के बहाने राशिद ने अहाना का योनिभेदन किया था. लेकिन वो नजारा देख कर मेरी कामुकता पूरी उफान पर आ गयी. तभी एक दिन घर में मैं अपनी बहना के साथ अकेली रह गयी तो मेरी बहन ने मुझे बिना मर्द के योनि की खुजली मिटाने का तरीका सिखाने का फैसला किया.
मैं अंश बजाज अपनी किसी प्रशंसिका की कहानी भेज रहा हूँ. मजा लीजिये उसी के शब्दों में!
हाय दोस्तो, मेरा नाम रमेश है, मैं हैदराबाद में रहता हूँ, मैं अन्तरवासना की कहानियों का नियमित पाठक हूँ. अभी मेरी उमर 37 साल है.
मैं अपने ऑफिस में बैठा मेल चैक कर रहा था, इस बार ज्यादातर मेल मध्यप्रदेश के जबलपुर, ग्वालियर, इन्दौर, सागर, भोपाल और अन्य शहरों से भी थे।
दोस्तो, मेरा नाम कृति है, और मैं आज अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ। मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं, और लोगों की कहानियाँ पढ़ कर मैंने सोचा, यार जब सब अपनी अपनी कहानी लिख रहे हैं, और कुछ दूसरे लेखकों से लिखवा रहे हैं, तो क्यों न मैं भी अपनी कहानी लिख कर देखूँ। मगर बहुत कोशिश के बाद भी मुझे मेरी लिखी कहानी पसंद नहीं आई। तो मैंने अन्तर्वासना के एक लेखक वरिंदर सिंह से ईमेल पर राबता कायम किया और उनसे अपनी कहनी लिखने को कहा, उनसे बहुत सी बातें हुई, उन्हें मैंने अपनी वो सभी डिटेल्ज़ दी, जो उन्होने मुझ से मांगी। और फिर जो कहानी उन्होने मुझे लिख कर भेजी, वो आज आपके सामने है, ये मेरी सच्ची कहानी है, पढ़िये और मज़ा कीजिये।