खेल खेल में चूत लन्ड का मज़ा
मेरी कहानी आज से 4 वर्ष पहले की है.. मेरे घर के बगल में 3 बहनें रहती थीं उस समय उन तीनों की उम्र उनके नाम के साथ लिख रहा हूँ..
मेरी कहानी आज से 4 वर्ष पहले की है.. मेरे घर के बगल में 3 बहनें रहती थीं उस समय उन तीनों की उम्र उनके नाम के साथ लिख रहा हूँ..
मेरा नाम निखिल है, मेरी उम्र 22 साल है. मैं इंदौर का रहने वाला हूँ. यह मेरी पहली कहानी है. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. मैं आपको अपनी वास्तविक घटना बताना चाहता हूँ, जो आज से एक वर्ष पहले मेरे साथ घटी.
लेखिका : कामिनी सक्सेना
प्रेषक : अमित शुक्ला
मेरा नाम मिनी है, मैं दिल्ली में रहती हूँ. मेरे घर में मैं और मेरा एक भाई ही हूँ. इधर दिल्ली में मैं अकेली ही रहती हूँ. मेरे परिवार वाले गांव में रहते है. मेरा फिगर 32-24-34 का है.. लम्बाई 164 सेंटीमीटर है और वजन 44 किलो है. मैं एक कमसिन लड़की हूँ. अक्सर लड़के मुझे देख कर लाइन मारा करते थे और कमेंट भी किया करते थे.
प्रेषक : सोनू चौधरी
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा:
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा यानि शीलू का प्रणाम…
अंकल से सेक्स कहानी का पिछला भाग: मुसीबत से निजात मिली मज़े के साथ-1
मेरी देसी कहानी
सेक्स की हिंदी कहानी में पढ़ें कि मैं पार्क में घूम रहा था कि कुछ लोग एक प्रेमी जोड़े को डांट रहे थे. उस जोड़े की मदद मैंने की और अपने रूम पर ले आया.
प्रेषक : राज कार्तिक
अब तक आपने पढ़ा..
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्ते.. मेरा नाम सुखमदीप सिंह है। मेरे परिवार में मेरे पापा बलदेव सिंह (52), माँ परमजीत कौर (48), भाई अमनदीप सिंह (25), बहन हरमनप्रीत (27) शादीशुदा, मेरी पत्नी(भाभी 25+) और मैं सुखमदीप सिंह (23) का हूँ। हमारे घर में सभी गोरे रंग के हैं.. एक मैं ही थोड़ा साँवला हूँ। मैं बी.टेक. का स्टूडेंट हूँ मेरा अभी 5 वां सेमस्टर चल रहा है।
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आप सभी दोस्तों का बहुत बहुत धन्यवाद !
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, इसमें प्रकाशित सभी किस्म की चुदाई की कहानी पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। मैं यहाँ अपना नाम नहीं बताना चाहता.. आप सब मुझे लव बॉय कह सकते हो।
अलका को घर बहुत करीने से सजा के रखने का शौक है. ड्राइंग रूम में छह बड़ी बड़ी आराम कुर्सियां रखी हुई थीं और एक बड़ा सा दीवान था. कमरे की सजावट नीले और मैरून रंगों में थी. शायद ये अलका के मनपसंद रंग होंगे. आराम कुर्सियों के कुशन गहरे नीले, सीट हल्के नीले कपड़े की. परदे भी एक नीला और एक मैरून. दीवान हल्के नीले रंग का उस पर रखे हुए कई गाव तकिये मैरून. कमरे में दो टेबल लैंप की मद्धम मद्धम रौशनी आ रही थी. दोनों लैम्पों के शेड भी नीले थे, इसलिए रौशनी हल्का सा नीलापन लिए थी, वातावरण को बहुत कामुक बना रही थी. चुदाई के लिए यह बिलकुल सही माहौल था.
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नमस्ते दोस्तो, मैं नीतू पाटिल फिर से आई हूँ मेरी सेक्स स्टोरी हिंदी में लेकर!
प्रीतो- कंडोम का पैकेट देना !
कहने को तो यह एक फिल्म का नाम है, लेकिन जो कहानी मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ.. वो ऐसे ही देखे हुए कुछ दृश्यों पर आधारित है। आशा करता हूँ कि आपको पसंद आएगी।
अब तक आपने पढ़ा..
नॉनवेज स्टोरी में पढ़ें कि कैसे एक ससुर अपनी जवान और हसीन बहू को अपनी कामवासना का शिकार बनाना चाह रहा है. जब उसकी बेटी को अपने पिता की नियत का पता चला तो …