मेरी चालू बीवी-47
इमरान
इमरान
अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा प्रणाम.. जनाब.. मैं अपनी एक कहानी आपके समक्ष लाने जा रहा हूँ.. जो मुझे आज तक समझ नहीं आई कि लड़कियाँ और औरतें चाहती क्या हैं।
Christmas Par Bhabhi Chudwane Aa Gai-1
रात के करीब 12 बजे के आस पास मुझे नीलू का अपने जिस्म पर अहसास हुआ।
मैंने पहली बार किसी लड़की या आंटी की चुची को हाथ से सहलाया, यह तब की कहानी है।
मैं रोहित वर्मा 24 साल का हूँ, चण्डीगढ़ में जॉब करता हूँ, अभी मेरा विवाह नहीं हुआ है।
कुछ समय के बाद, हमने उससे मिलने का फैसला किया और जल्द ही हमारी शादी की सालगिरह पर छुट्टी के लिए योजना बनाई।
प्रेषक : रिन्कू
अभी तक मेरी सेक्सी स्टोरी में आपने पढ़ा कि विक्रांत ने अकीरा से वादा किया था कि वो अपनी नई सेक्रेट्री को अपना लंड दिखाएगा. उसी कोशिश में:
दोस्तो, मेरा नाम प्रीति है, मैं दिखने में बहुत ही खूबसूरत हूँ। रंग एकदम दूध की तरह सफेद, गदराया जिस्म!
हम दोनों 15-20 मिनट चुदाई करते रहे और झड़ गए।
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अन्तर्वासना के सभी पाठकों के खड़े लंड को रसीली हिना की चिकनी चूत और खड़ी चूचियों का सलाम..
दोस्तो, मैं रमेश देसाई अपनी पहली सेक्स कहानी लेकर आपके सामने ऊपस्थित हुआ हूँ।
दोस्तो, आपको मेरी हिंदी सेक्स कहानियां पसंद आईं, आपके मिले मेल्स के लिए धन्यवाद!
Dashehra par Strip Dance-1
मैं पेशे से एक फ़ोटोग्राफ़र हूँ, मुम्बई में रहता हूँ। मेरा अकसर शूटिंग के लिये बाहर जाना होता रहता है। ऐसे ही एक शूटिंग के लिये मैं एक बार गोवा गया था। मेरे लिये यह एक बहुत ही मजेदार अनुभव था। अपनी शूटिंग के बाद कुछ दिन के लिये मैं अकेला गोवा में रूक गया था। मैंने रेलगाड़ी से आने का फ़ैसला किया। मैंने ए सी कम्पार्टमेंट में अपने लिये एक सीट रिजर्व कराया। यह गोवा का ऑफ़ सीजन था इसलिए रेलगाड़ी में बिलकुल भी भीड़ नहीं थी। मुझे बहुत आसानी से रेलगाड़ी का टिकट मिल गया। शाम को 6 बजे मेरी रेलगाड़ी मडगाँव स्टेशन से छूटी। मेरे कम्पार्टमेंट में मुझे सिर्फ़ दो लोग दिखे लेकिन उनकी भी सीट डिब्बे के दूसरे कोने में थी। रेलगाड़ी वहाँ से चली और कुछ देर में ही कोई स्टेशन आया। जहाँ पर एक लड़की जो कि बहुत ही मॉर्डन कपड़ो में थी मेरे कम्पार्टमेंट में आई और मेरे भाग्य से उसकी सीट मेरे सीट की बगल में थी। उसने मेरे केबिन में प्रवेश किया। वह मुस्कराई और उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया।
प्रेषिका : बरखा
करीब दस मिनट की चुदाई, कभी धीरे तो कभी जोर के धक्कमपेल के बाद जब मैं झड़ने के करीब था तो रीना का रोना लगभग बंद हो गया था, मैं रीना से बोला- अब मैं झड़ने वाला हूँ।
माँ ने मेरे चेहरे को अपने होंठों के पास खींच कर मेरे होंठों पर एक गहरा चुम्बन लिया और अपनी कातिल मुस्कुराहट फेंकते हुए मेरे
हय फ्रेंड्स, मेरा नाम नेहा यादव है. मैं एक बार फिर अपनी नयी कहानी के साथ हाजिर हूँ. ये कहानी कुछ दिन पहले की है. मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आएगी.
प्रेषक : अंशु
हैलो फ्रेण्डस.. मैं ज्योति.. नई दिल्ली में रहती हूँ, मेरी उम्र 23 साल है.. मेरे चूचे छोटी उम्र में ही बड़े हो गए थे.. शायद ये अपने आप हुए थे.. और मेरी गाण्ड गोल-गोल ऊपर को उठी हुई है। बस इतना कह सकती हूँ कि मुझे कोई देख ले तो.. उसका लंड एक बार ज़रूर सलामी देगा।
मेरा नाम शिवा है.. उम्र 21 साल है, मैं महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ।