डायरेक्टर की करतूत
मेरे लास्ट कॉन्फेशन में मैंने तुम्हें बताया कैसे डायरेक्टर के घर से फ़ोन आ जाने से मैं उस ह्यूमिलेटिंग पेन से बच गई।
मेरे लास्ट कॉन्फेशन में मैंने तुम्हें बताया कैसे डायरेक्टर के घर से फ़ोन आ जाने से मैं उस ह्यूमिलेटिंग पेन से बच गई।
निशा शाह
मेरा नाम ऋषि है, मैं छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गाँव से हूँ।
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कहानी का पहला भाग : शीशे का ताजमहल-1
अब तक आपने पढ़ा..
जब एक बार यह तय कर लिया कि उन दोनों को छूट देनी ही है तो फिर मन से सब नैतिक अनैतिक निकाल दिया। कभी शादी से पहले यह सब वीणा ने भी किया ही था और मेरी बेटी भी इंग्लैंड में रह रही है तो क्या करती न होगी। यह सब जवानी की सहज स्वाभाविक प्रतिक्रियायें हैं जिनका आनंद सभी ले रहे हैं। मैं नहीं ले पाया तो यह मेरी कमी थी. पर अब अगर दूसरों को लेते देख मुझमें वह खुशी, वह उत्तेजना पैदा हो रही है तो क्यों मैं नैतिक अनैतिक के झंझावात में उलझ कर उस सुख से वंचित होऊं।
दोस्तो, पाठकों द्वारा रवि के साथ मेरे रिश्ते के बारे में बार-बार पूछे जाने को लेकर मुझे यह गे सेक्स स्टोरी आगे बढ़ानी पढ़ रही है क्योंकि पाठकों की इच्छा है कि मैं रवि और मेरे रिश्ते का हर पहलू आप अंतर्वासना पर उजागर करूं इसलिए यह कहानी वहीं पर खत्म नहीं हुई थी… पाठकों की मांग पर मैं फिर से इसको बढा़ने जा रहा हूँ.
आप सब अन्तर्वासना की हिन्दी सेक्स कहानी के प्रेमियों को प्रणाम।
रवि ने मेरे बताये संवादों से चोपड़ा आंटी को चुदने के लिए तैयार कर लिया और उसकी चुदाई कर डाली।
राजीव ने सारिका की फ्रॉक उतारने की कोशिश की तो उसने राजीव को चले जाने को कह दिया। राजीव भौंचक्का रह गया, वो सॉरी अपने कपड़े ठीक करके जाने लगा।
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Chachi Ki Chudas Ka Ilaj-4
चलती गाड़ी में अपने शरीर का कोई अंग बाहर न निकालें !
मुझे लगा कि इस बार मैं पहले शहीद हो गई हूँ। अरूण का दण्ड नीचे से लगातार मेरी बच्चेदानी तक चोट कर रहा था। तभी मुझे नीचे से अरूण का फव्वारा फूटता हुआ महसूस हुआ। अरूण ने अचानक मुझे अपने बाहुपाश में जकड़ लिया और मेरी योनि में अपना काम प्रसाद अर्पण कर दिया।
पाठकों से दो शब्द : यह कहानी अच्छी रुचि के और भाषाई संस्कार से संपन्न पाठकों के लिए है, उनके लिए नहीं जिन्हें गंदे शब्दों और फूहड़ वर्णन में मजा आता है। इसे लिखने में एक-एक शब्द पर मेहनत की गई है। यौन क्रिया के सारे गाढ़े रंग इसमें मिलेंगे, बस कहानी को मनोयोगपूर्वक पढ़ें।
अभी तक आपने पढ़ा:
पाठक पाठिकाओं की सेवा में चूत निवास के खड़े लौड़े का इकतीस बार तुनके मार के सलाम!
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दोस्तो, आज आपके लिए पेश है एक कपोल कल्पित कहानी… इसमें सच्चाई का कोई अंश नहीं है, सिर्फ आपके मज़े के लिए लिखी गई है, पढ़ो और मज़े करो।
फ़ुलवा की चुदाई देख चन्दा चुदी
यह कहानी मेरे एक दोस्त इम्तियाज़ की है, उसी के शब्दों में पेश कर रहा हूँ !
हेलो दोस्तो! मेरा नाम अमित है। मेरा रंग गोरा है, मेरा कद 6 फुट 1 इंच, जिम तो नहीं जाता पर अपने शरीर का मैं पूरा ध्यान रखता हूँ।
लेखक : सनी शर्मा गांडू
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम सौरभ है। मैं मध्य प्रदेश में मन्दसौर जिले का रहने वाला हूँ। मैं अभी 12वीं के बाद मन्दसौर के एक कॉलेज से बी.ई. कर रहा हूँ। मैं एक बहुत ही स्मार्ट लड़का हूँ.. मेरी उम्र 18 साल है मेरे लौड़े की साइज भी मस्त है। मैं फ्लैट में अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर रहता हूँ।