क्या नजारा था !
दोस्तो, मैं राज कोलकाता से !
दोस्तो, मैं राज कोलकाता से !
इस लेख में किसी कुँवारी लड़की के साथ पहली बार सम्पूर्ण सम्भोग की विधि बताई गई है। इसे हिन्दी में कौमार्य-भंग, योनिछेदन, सील तोड़ना व अंग्रेज़ी में Deflowering या Defloration कहते हैं। यह किसी भी लड़की के लिए उसके जीवन की एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण घटना होती है जिसे वह ज़िंदगी भर नहीं भूल सकती।
दोस्तो, मेरा नाम सुमीत (बदला हुआ) है. मेरी उम्र 25 साल है. मैं सिरसा (हरियाणा) में रहता हूं. मेरा रंग थोड़ा सांवला है. मेरे लंड का साइज ठीक ठाक है, मैं झूठ नहीं बोलना चाहता कि मेरे लंड का साइज बहुत बड़ा है.
मैं समीर गहलोत हूँ। मैं आज आप लोगों को अपनी लाइफ की एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
कैसे हो दोस्तो…मैं शालिनी जयपुर वाली…याद तो हूँ ना मैं…
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दोस्तो, मेरा नाम आशु है। मैं अहमदाबाद से हूँ और 22 साल का भोला और शर्मीला लड़का हूँ। मैं इन्जीनियरिंग का स्टुडैन्ट हूँ और अन्तर्वासना का बहुत बडा फ़ैन हूँ।
प्रेषक – राज कुमार
मैं तो कुछ देर देखता ही रह गया.. नज़दीक से तो ये और भी सेक्सी लग रही थी और इसके गुलाबी निप्पल तो और कयामत ढा रहे थे.. जैसे दो मलाई के ढेर हों.. और उनके ऊपर एक-एक छोटा गुलाबजामुन रखा हुआ हो।
लेखिका : नेहा वर्मा
हेलो दोस्तो, आपने मेरी कहानी जब मैंने एक साथ दो लड़कियों को संतुष्ट किया के पहले भाग में पढ़ा कि किस तरह मैंने शिवि को उसके बर्थडे पर चोदा।
प्रेषक : रवीश सिंह
दोस्तो, मेरा नाम कृति है, और मैं आज अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ। मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं, और लोगों की कहानियाँ पढ़ कर मैंने सोचा, यार जब सब अपनी अपनी कहानी लिख रहे हैं, और कुछ दूसरे लेखकों से लिखवा रहे हैं, तो क्यों न मैं भी अपनी कहानी लिख कर देखूँ। मगर बहुत कोशिश के बाद भी मुझे मेरी लिखी कहानी पसंद नहीं आई। तो मैंने अन्तर्वासना के एक लेखक वरिंदर सिंह से ईमेल पर राबता कायम किया और उनसे अपनी कहनी लिखने को कहा, उनसे बहुत सी बातें हुई, उन्हें मैंने अपनी वो सभी डिटेल्ज़ दी, जो उन्होने मुझ से मांगी। और फिर जो कहानी उन्होने मुझे लिख कर भेजी, वो आज आपके सामने है, ये मेरी सच्ची कहानी है, पढ़िये और मज़ा कीजिये।
इमरान
दोस्तो, मेरा नाम आनन्द है मैं जबलपुर, मध्य प्रदेश से हूँ मेरी उम्र 25 साल है। मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ।
Udisa ka Yadgar Maal
उन्होंने कहा- प्लीज ये कॉन्डोम निकाल देता हूँ बिल्कुल मजा नहीं आ रहा है।
मेरी इस हिंदी एडल्ट स्टोरी के पहले भाग
अब तक आपने पढ़ा..
सर्वप्रथम सभी अर्न्तवासना के पाठको, चूत-प्रेमियों और रण्डियों को मेरा नमस्कार।
प्रेषक : विकास गुप्ता
मेरी हवस की कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि मैं मौसी के घर रह रही थी और मेरी चुदाई नहीं हो रही थी. एक रात मैं फ्रिज के पास खड़ी होकर अपनी चूत में खीरा अंदर बाहर कर रही थी तो ऊपर से मौसा जी आ गए.
मयूरी ने अपनी चूचियों की तरफ इशारा करते हुए शरारती मुस्कान डाली और फिर से विक्रम के सामने बैठ गयी. पर इस बार वो अपने पैर फैला कर बैठी जिससे विक्रम उसकी चुत के आस पास की जांघ को अच्छे से देख सके.
लेखक : राजेश शर्मा
नमस्कार दोस्तो, मैं आपकी प्यारी कविता, सभी सेक्सी माँ और बेटों को मेरा प्रणाम. मेरी इस सेक्स कहानी के दूसरे भाग में आप लोगों ने पढ़ा था कि मैंने कैसे अपने सगे बेटे को पटाया, उसके साथ शिमला गई और अय्याशी की.