सीमा और उसकी बेटी की चुदाई-1
प्रेषक : राजा बाबू
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प्रेषक : शकील फ़िरोज़
सम्पादक – जूजा जी
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दोस्तो, मेरा नाम रॉनित है। मैं गुजरात का रहने वाला हूँ। मुझे शुरुआत से ही अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने का बड़ा चस्का लग गया था।
बालसखी से मुलाकात
भाभी चाय की चुस्की लेते हुए बोलीं- कल रात तुम्हारे भैया ने दो बजे तक सोने नहीं दिया, एक बार मुझे नंगी करके मेरे ऊपर चढ़ जाते हैं तो तीन घंटे से पहले नहीं छोड़ते।
दोस्तो, मेरा नाम रुद्र ठाकुर है, और मैं भोपाल में रहता हूँ। मैं अपने आप को बहुत बड़ा इनसेस्ट आदमी समझता हूँ। इनसेस्ट वो इंसान होता है जो अपने ही घर की औरतों के साथ सेक्स करता है। मैंने भी अपने ही घर की बहुत सी औरतों से सेक्स किया है, मगर मैं शुरू से ऐसा नहीं था, पहले तो मैं बहुत ही शर्मिला सा लड़का था, मगर जो किस्मत में लिखा होता है, वो तो होता ही है, और ऐसे ही एक बार एक ऐसी घटना घटी जिसने मेरे जीवन की दिशा ही बदल दी। मगर ये सब कैसे हुआ, कब हुआ, आज मैं आपको उसकी ही बात बताने जा रहा हूँ।
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सुबह की स्वच्छ ताजी हवा में गुलाब के ताजा फूलों की खुशबू फैल रही थी। शहर के कोलाहल से दूर प्रदूषणमुक्त शांत वातावरण में फूलों की सुगंधभरी ताजी हवा में घूमते हुए मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। हर तरफ गुलाब फैले थे भाँति भाँति के- लाल, गुलाबी, काले, बैंगनी, उजले… !
अब तक की हिंदी पोर्न स्टोरी में आपने पढ़ा था कि गोपाल मोना को मनाता हुआ पूछ रहा था कि जब वो चुदाई की बात करता है तो वो मना क्यों देती है.
मेरी गीली चूत से अन्तर्वासना के सभी पाठको को आपकी प्रभा का सेक्स भरा नमस्कार!
दोस्तो, अब मैं आपको काले के बारे में बता दूं जिससे चुदने की बात मैंने ढिल्लों से कह डाली थी। काले का कद लगभग ढिल्लों जितना ही था, यही कोई साढ़े छह फुट के करीब। रंग उसका ढिल्लों से भी काला था, आंखें बड़ी बड़ी गहरी लाल, ढिल्लों से भी सुडौल और बड़े शरीर का मालिक, देखने में सिरे का बदमाश लगता था और शायद कोई नशा भी करता था, जिसके कारण उसकी आंखें हमेशा चढ़ी रहती थीं।
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम हर्ष चौहान है, मेरी उम्र 26 साल.. लंबाई 6 फुट 2 इंच.. रंग गोरा और मेरा लण्ड 7.5 इंच लंबा है.. जो बहुत ही मस्त चुदाई करता है। मैं पटना में एक एमएनसी कंपनी में मैनेज़र के पद पर कार्यरत हूँ।
दोस्तो, आज आपके लिए पेश है, आप जैसे ही मेरे एक पाठक की सच्ची कहानी, जो उसने खुद मुझे बताई।
दोस्तो, मेरी पिछली कुछ कहानियाँ बहुत सराही गई आप लोगों के द्वारा ! जिसमें
एक दिन मैं ऑफिस में बैठा था शाम को हरिया के नंबर से फोन आया।
नमस्कार दोस्तो… आप सबका प्यार निरंतर मिल रहा है। आप सबका आभार…
वो डर सी गई और मुझे मनाने लगी- प्लीज़ अजय, ऐसे मत कहो! चलो ठीक है, जो आप कहोगे मैं वही करुँगी, प्लीज़ मान जाओ!
अब तक आपने पढ़ा..
कहानी का पहला भाग: विशाल लंड से चुदाई का नया अनुभव-2
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