Chachi Ki Chudai – कुछ पुरानी यादें : चाची की चूची और चूतड़-1
यह कहानी सिर्फ मनोरंजन के लिए लिखी गई है, इससे किसी व्यक्ति, नाम, स्थान से कोई सम्बन्ध नहीं है.
यह कहानी सिर्फ मनोरंजन के लिए लिखी गई है, इससे किसी व्यक्ति, नाम, स्थान से कोई सम्बन्ध नहीं है.
प्रणाम पाठको, आपका अपना शिमत वापिस आ गया है अपनी नई कहानी को लेकर, वैसे आपने मेरी पहले वाली बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं ! आज
मेरा नाम राज है, मैं 28 साल का एक जवान लड़का हूँ, मैं दिखने में ख़ूबसूरत भी हूँ.. लेकिन काम में व्यस्त रहने के कारण मैं कभी कोई गर्लफ्रेंड नहीं बना पाया। मेरे पास इतना टाइम नहीं होता कि मैं किसी को गर्लफ्रेंड बना कर उसे टाइम दे सकूँ।
नमस्कार दोस्तो, कैसे हो आप सब… माफ़ करना बहुत टाइम बाद वापस आई हूँ. तो प्लीज़ मुझे बताना कि आप सबका काम मेरे बिना कैसे चला… सब मज़े ले रहे हो ना?
‘ओह नो … इट्स हॉरीबल …’ मेरे मुँह से शब्द निकले. अन्दर जो हो रहा था, उसे देख कर मैं शॉक हो गयी थी. अन्दर दादाजी सोनल के पास बैठे थे और अपने हाथों से सोनल का गाउन ऊपर उठाया हुआ था. वे उसके पैरों पर अपने हाथ घुमा रहे थे. धीरे धीरे उनका हाथ उसकी जांघों की तरफ बढ़ने लगा था. उनकी उंगलियां सोनल की पैंटी के बॉर्डर पर घूम रही थीं और एक उंगली उसकी चूत की दरार पर पैंटी के ऊपर घूम रही थी. कुछ ही पलों में उन्होंने अपना पूरा हाथ सोनल के त्रिकोणीय खजाने पर रखा और उसकी चूत को मसलने लगे.
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार !
मैं आपको बता दूँ कि मैंने कभी किसी को मजबूर करके सेक्स नहीं किया। जिसके साथ सेक्स किया, हमेशा उसकी रजामंदी से! चाहे वह गृहिणी हो या कुंवारी लड़की, यदि सामने वाली चाहती है तो सेक्स करना बुरा नहीं है, न ही दोबारा सेक्स करने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए। कुल मिलकर आपसी सहमति से ही सेक्स को सुखद बनाया जा सकता है। प्यार और सेक्स एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
आज मैं आपको अपनी ज़िन्दगी की वो दास्ताँ सुनाने जा रही हूँ जिसे अगर गलती से भी मेरे पति ने पढ़ लिया तो वो अपने ऑफिस के
प्रेषक : रॉय ओबरॉय
दोस्तो, आप मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरीज का आनन्द ले रहे हैं, जान कर ख़ुशी होती है।
दोस्तो, मैं आपका अपना सरस एक बार फिर हाजिर हूं अपनी कहानी के अगले और अंतिम भाग के साथ। मेरी ग्रुप सेक्स कहानी पढ़ने के बाद आप में से किस किस पाठक और पाठिका ने कहानी पढ़ते हुए अपने आप को इस ग्रुप सेक्स में शामिल किया, किसने अपने आप को सरस, रमन और सोहित माना तो किसने नीलम का किरदार निभाया, मुझे बताइएगा जरूर।
मेरे अत्यंत प्रिय पाठक-पाठिकाओ,
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार!
मेरा नाम पल्लवी है, मेरी शादी हुए २ साल हो गए हैं, शादी भी २१ साल में हुई थी. लेकिन मेरी शादी में कभी भी शारिरिख सुख का आनन्द नहीं रहा है। शादी के बाद से ही मेरे पति पता नहीं क्यों मुझसे दूर-२ रहा करते थे। पूछने पर कहते कि काम बहुत ज्यादा होता है। इसी कारण हमारा झगड़ा होता रहता। एक तो नई नई शादी, उस पर सावन का महीना ! हमेशा जिस्म में आग भड़की हुई रहती !
Bathroom Ka Band Darwaja Khola-1
अभी तक आपने पढ़ा..
प्रेषक : राजवीर
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प्रेषक : नीतू अरोड़ा
मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम आनन्द है और मैं पहली बार हिंदी सेक्स स्टोरी लिख रहा हूँ, उम्मीद है कि आप इस कहानी को पसंद करेंगे।
दोस्तो, मेरा नाम जगदीश चंद है, मैं संगरूर, पंजाब में रहता हूँ, उम्र 59 साल है, पत्नी का स्वर्गवास हो चुका है। एक नंबर का कंजूस आदमी हूँ और इसी तरह पैसे बचा बचा कर मैंने 4 मकान बना लिए हैं।
दोस्तो, नमस्कार !
मेरी गर्म कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मेरे उसके निप्पल का कलर पूछने पर मेरे दोस्त की बीवी नाराज हो गयी थी, लेकिन रात के तीन बजे उसने व्हाट्सअप पर ‘ब्राउन’ के रूप में कलर लिख भेजा था।