हसीन गुनाह की लज़्ज़त-5
बाहर आते ही मैंने अपने बैडरूम का दरवाज़ा और बच्चों के कमरे का दरवाज़ा बाहर से लॉक किया और प्रिया को बताया कि मौसी नहीं उठेंगी क्योंकि मौसी आज नींद में नहीं नशे में है।
बाहर आते ही मैंने अपने बैडरूम का दरवाज़ा और बच्चों के कमरे का दरवाज़ा बाहर से लॉक किया और प्रिया को बताया कि मौसी नहीं उठेंगी क्योंकि मौसी आज नींद में नहीं नशे में है।
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार।
मैं शुरू से ही बहुत शर्मीला था और सदैव पूरे कपड़े पहन कर रखता था जबकि मेरे साथ के सभी लड़के नगधड़ंग गाँव में घूमा करते थे। यहाँ तक कि 11वीं कक्षा में आकर पहली बार जब रात में मेरा लंड खड़ा हुआ और मैंने हस्तमैथुन कर कौमार्य भंग किया तो बड़ी आत्म ग्लानि हुई।
प्रेषक : अमित
हैलो दोस्तो,
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अभी तक आपने गांड चुदाई की देसी कहानी में पढ़ा कि रवि के घर में उसके साथ मेरी दूसरी सुहागरात शुरु हो चुकी थी और उसकी लोअर में तने लंड को चूमने चाटने के बाद मैंने उसकी छाती को नंगा करवा कर छाती के बालों को चूमा, उसकी गर्दन पर प्यार से किस किया और फिर उसने टी-शर्ट निकाल दिया और मैंने उसके दोनों हाथों को पीछे फैलवा कर उसके अंडरआर्म के बालों को जी भर के चाटा और उस मर्द की जवानी का रस पीया।
मैंने मौसा जी की ओर देखा तो मौसा जी मुझे ही देख रहे थे। उनकी आँखों में वासना भरी थी, मैंने अपनी ओर देखा तो मुझे भी समझ आ गया।
दोस्तो, आप सबका तहे दिल से धन्यवाद कि आपने मेरी आपबीती तथा अड़ोस-पड़ोस में घटित घटनाओं
अब तक आपने पढ़ा था कुसुम मुझे अपने ग्राहक के सामने बैठा कर लाइव चुदाई की फिल्म दिखा रही थी.
लेखिका : नेहा वर्मा
मेरे दोस्तो, मेरा नाम समीर मलहोत्रा है. आप लोग मुझे प्यार से सैम बुला सकते हैं. उम्र 20 साल कद 5 फुट 11 इंच. दिखने में स्मार्ट हूँ लेकिन थोड़ा शर्मीला हूँ. शायद यही कारण है कि मैं इतने दिनों तक वर्जिन रहा.
प्रेषक : समीर
Sexy Malkin ki Choot Chudai-1
Choot Chod Kar Shadi ki
फ्री सेक्स कहानी का पहला भाग
मैं रामनगर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 वर्ष हो रही है। मेरे परिवार में मात्र तीन लोग रहते हैं, मैं, मेरी माँ और मेरी पत्नी!
दोस्तो, यह कहानी बहुत पुरानी है, तब की है जब मैं और मेरे दोस्त स्कूल के आखिरी साल में थे, हम तीन चार ही शरारती दोस्त थे, क्लास की लड़कियों पर लाइन मारना, स्कूल के बाथरूम में जाकर गंदे चुटकुले सुनना सुनाना, एक दूसरे के साथ मुट्ठ मारने का मुक़ाबला करना कि देखें ‘किसका देर में छुटता है’, यही सब चलता था।
मेरी ये कहानी मेरी एक ई-मित्र को समर्पित है – प्रेम गुरु
मैं सोमवार रात को 10 बजे आया, सुरेखा और दिन की तरह 11 बजे आकर मेरी गोद में नंगी बैठ गई और मुझसे चिपकते हुए बोली- आज तो चोदोगे न?
प्रेषक : हरीश
सम्पादक जूजा
प्रेषिका : कौसर
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कहानी का पिछला भाग भूखा लण्ड- एक प्यास एक जनून-2