मेहमानघर-1
लेखक : नितेश शुक्ला
लेखक : नितेश शुक्ला
सेक्सी कहानी के पहले भाग
प्रेषक : आशीष
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक है, मैं पटना में रहता हूँ।
हेल्लो दोस्तो ! मेरा नाम राजा है बदला हुआ नाम है और ये मेरी और मेरी मामी की है जो एक छोटे से गांव में रहती थी और मेरे मामा की वहां खेती- बाड़ी है। पर वहां सूखा पड़ जाने के कारण मेरे मामा हमारे यहाँ रहने के लिए आ गये तो मेरे पापा ने उनको कहा कि जब तक तुम को कोई काम नहीं मिल जाता तुम लोग हमारे ही साथ ही रहो। तो मेरे मामा मान गए और वो रोज़ मेरे पापा के साथ जाते।
नमस्ते दोस्तो, मैं जाह्नवी एक बार फिर से अपनी एक नई xxx हिंदी स्टोरी लेकर आई हूँ.
“अभी बैठे-बैठे तेरी बहन के बारे में सोच रहा था। झेल पायेगी उसकी चूत।” वह लहराती हुई आवाज में बोला और ऐसे तो मुझे आग लग गयी लेकिन मेज पर रखे कट्टे की तरफ देख कर मेरे अंदर उठा गुस्से का गुबार झाग की तरह बैठ गया।
फेसबुक पे सखीयन ने जबरन मेरा दिया दिया खुलाय,
लेखिका : शमीम बानो कुरेशी
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम लव है, मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 21 साल है, लंबाई 6 फिट है और मेरे लंड की साइज लगभग सात इंच और मोटाई ढाई इंच है. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. ये कोई कहानी नहीं, मेरी जिंदगी की सबसे हसीन याद है, जिसको मैं आप सभी को बताना चाहता हूँ.
मेरा नाम कमल सेन है.. अपनी पढ़ाई के लिए मैं पार्टटाइम जॉब हेतु महिलाओं के जिस्म की बॉडी मसाज का काम करता हूँ। अपने काम से मैंने कई मेमों.. गर्ल्स को खुश किया है.. उनके बदन का दर्द हो या चूत का.. दोनों को मैं पूरी मेहनत से दूर करता हूँ।
इस लेख में किसी कुँवारी लड़की के साथ पहली बार सम्पूर्ण सम्भोग की विधि बताई गई है। इसे हिन्दी में कौमार्य-भंग, योनिछेदन, सील तोड़ना व अंग्रेज़ी में Deflowering या Defloration कहते हैं। यह किसी भी लड़की के लिए उसके जीवन की एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण घटना होती है जिसे वह ज़िंदगी भर नहीं भूल सकती।
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि अपने शहर वापस आने के बाद मुझे किस्मत ने फिर से रायपुर मोनी के घर पहुंचा दिया. रायपुर पहुंचने के बाद मैंने मोनी के घर जाने से पहले ही कॉन्डोम का पैकेट ले लिया था और रात को जब सोने का समय हुआ तो …
आकृति टंडन
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प्रेषक : लवर बॉय
एक बार एक 80 साल का बूढ़ा अपनी बीवी की तसल्ली कराने के इरादे से एक केमिस्ट की दुकान पर पहली बार वायग्रा या वियाग्रा खरीदने गया।
मेरी पिछली कहानी वो अक्षत-योनि की क्षति -1 प्रकाशित हुई थी। उसी कहानी की आगे की हकीकत मैं सम्मानीय पाठकों के सामने रख रहा हूँ।
मेरी क्लास में रूबी नाम की एक लड़की थी, मैं उससे बहुत प्यार करता था। हमारी जान पहचान इस प्रकार हुई :
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मेरा नाम पंकज है, मेरी उमर 38 साल की है, मैं देखने में अच्छा लगता हूँ।
वो पूरा निपुण खिलाड़ी था, कोई भी जल्द बाजी नहीं दिखा रहा था, उसने फर्श पर बैठकर मेरी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख लिया और मेरी दोनों मक्खन जैसी चिकनी जांघों को एक एक करके चाटने लगा।
दोस्तो, कहानी के पिछले भाग
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हैलो डियर रीडर्स । मै नील २६ साल का लड़का भोपाल में रहता हूँ। मैं एम कोम फ़ाइनल इयर का स्टुडेंट हूं। अभी भी मैं अपने चाचा के यहां रह रहा हूं। मेरे चाचा मुझसे सिर्फ़ ९ साल बड़े हैं और उनकी शादी ४.५ साल पहले हुई थी। मेरी चाची बहुत खूबसूरत है ५.४ लम्बा कद खूबसूरत होंठ जूस से भरे हुए हिरनी जैसी आंखें पतली सी कमर और बड़े गोल मटोल बूब्स हैवी हिप शी लुक लाइक ए ब्युटी क्वीन। उसके बूब्स का साइज़ है ३८ /२७ /३६ ।