कमाल की हसीना हूँ मैं-27
अभी दो महीने ही हुए थे कि मैंने अपने ससुर ताहिर अज़ीज़ खान जी को कुछ परेशान देखा।
अभी दो महीने ही हुए थे कि मैंने अपने ससुर ताहिर अज़ीज़ खान जी को कुछ परेशान देखा।
अन्तर्वासना के पाठको, मैं चाहत खन्ना हूँ।
बीच बीच में वो मुझे प्रेम भरे चुम्बन देता… धीरे धीरे उसके धक्के तेज़ होने लगे … चूत में मुझे खिंचाव महसूस होने लगा… खुद ब खुद मैं उसके धक्कों से ताल से ताल मिला कर… उसका ज्यादा से ज्यादा लण्ड अपने भीतर लेने की कोशिश करने लगी… मेरी कोमल काया, उसके पसीने से भरे बलिष्ठ शरीर के नीचे दबी हुई कसमसा रही थी.. आनन्द अब अपनी चरम सीमा तक पहुँच रहा था..
अब तक की इस फनी सेक्स स्टोरी के तीसरे भाग
मेरे जेठ फ़िरोज़ मेरे इस तरह उन्हें बुलाने से बहुत खुश हुए और मेरी बगल में लेट गये। हम दोनों की ओर देख कर जावेद दूसरी तरफ़ सरक गया और हमें जगह दे दी।
अभी तक आपने पढ़ा..
हाय दोस्तो, आपकी दोस्त पिंकी दोबारा आप लोगों के मनोरंजन के लिए एक नई कहानी लेकर आ गई है।
धीरे धीरे मौसाजी अपना हाथ मेरी गांड पर घुमाने लगे, शायद उनको स्पर्श से ही पता चल गया होगा कि मैंने पैंटी नहीं पहनी है। मेरी तरफ से कुछ भी विरोध न होने पर उनकी हिम्मत और बढ़ गई और मेरे दोनों नितम्बों पर अपने हाथ साफ किये और मैंने भी उनको रोका नहीं।
‘अभी तुम लोग अपने कमरे में जाकर सो जाओ… कल हम डैडी को कह कर उनका नया सीडी प्लेयर और पोर्टेबल टीवी अपने कमरे में मंगा लेंगें और फिर मेरे पास रखी पोर्न सीडी देखेंगे… सच में सीडी में गजब की क्लेअरिटी होती है।’ मैंने बात बदलते हुए कहा।
मैं कितना बड़ा गांडू हूँ.. आपको मेरी कहानी पढ़कर ही पता चल जाएगा.. पर मैं करूँ क्या.. मुझे गांड मारना बहुत अच्छा लगता है।
साथियो, एक देवर भाभी चुदाई की कामुकता भरी कहानी किसी ने भेजी है आपको सुना रहा हूँ.. सीधे उसी की जुबानी मजा लीजिएगा।
मेरी उमर 26 साल है। मैं एक अमेरिकन कंपनी में क़तर में काम करता था। अब मेरी पोस्टिंग यहाँ कुवैत में हो गई है।
टाइम ग्यारह से ज्यादा हो गया, मैं ऊपर वाली कोठरी में जाकर लेट गया।
रेखा चुदासी हो रही थी, उसने समीर को कहा की जाने से पहले घर होकर जाना।
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कॉलेज की जेनी और रश्मि की चुदाई
नमस्कार, मैं सारिका आप सबका दिल से धन्यवाद देना चाहूंगी.
लेखक : प्रेम गुरू
दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है. मैं चण्डीगढ़ में रहता हूँ. मैं अर्न्तवासना का नियमित पाठक हूँ. आप सब लोगों ने मेरी पिछली कहानियों को बहुत सराहा और बहुत ज्यादा संख्या में मेल करके अपनी राय मुझे बताई, इसके लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद. अर्न्तवासना से मेरी कहानियों को पढ़कर बहुत से लोग फेसबुक पर मुझसे जुड़कर मेरे बहुत अच्छे दोस्त बने हैं, इसलिए इस साइट का भी बहुत बहुत धन्यवाद.
नमस्कार दोस्तो, आपका दोस्त राज कार्तिक एक बार फिर से एक ताज़ा कहानी लेकर आया है। कहते है ना जब जब जो जो मिलना है सो सो तब तब मिलता है। ऐसा ही हुआ इस बार मेरे साथ भी। कहानी बिल्कुल ताजा है। कोई इरादा नहीं था सच पूछो तो सोचा भी नहीं था कि ऐसे किसी की चुत का मजा मिल जाएगा। चुत भी कैसी … एकदम तरोताजा जवान कड़क चुत।
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हाट विक्रम : सुनो
अभी तक आपने पढ़ा था कि मेरी सामूहिक चुदाई की तैयारी चल रही थी. सभी अंकल लोग मेरी नंगी जवानी के साथ अपनी फोटो खिंचवाने के लिए अंकित से कह रहे थे.