मेरी मासूमियत का अंत और जवानी का शुरुआत-1
हैलो फ़्रेंड्स, यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर।
हैलो फ़्रेंड्स, यह मेरी पहली कहानी है अन्तर्वासना पर।
दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक यादव है मैं गाँव का रहने वाला हूँ। बीएससी करने के लिये मैं गाँव छोड़कर गाज़ीपुर शहर चला आया। मैं पढ़ाई की शैली और शरीर की बनावट, इन दोनों में निपुण हूँ।
लेखिका : नेहा वर्मा
कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अपने घर को कानपुर चल पड़ा. हड़ताल के कारण कई दिनो से मेरा मन होस्टल में नहीं लग रहा था. मुझे माँ की बहुत याद आने लगी थी. वो कानपुर में अकेली ही रहती थी और एक बैंक में काम करती थी. मैं माँ को आश्चर्यचकित कर देने के लिये बिना बताये ही वहाँ पहुँचना चाहता था.
कहानी का पिछला भाग: मैं फिर से चुदी-1
अब तक आपने मेरी और मेरी मम्मी की एक साथ चुदाई की कहानी
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे सारी कहानी सुना चुकने के बाद रज़िया ने अपनी माँ से अपनी तुलना करते हुए अपनी बदनसीबी ज़ाहिर की थी कि उसे ज़मीर अंकल जैसी कोई सुविधा नहीं और मैंने सवाल पूछा था कि क्या मैं उसके “काश” का जवाब बन सकता था।
जिदंगी का वो सच्चा अनुभव जो यादगार रहा और जो कभी सोचा ना था कि ऐसा भी होगा कभी! मेरी एक अनजान दोस्त के साथ समलैंगिक अनुभव की कहानी जो मेरे लिये एक नया और रोमांचक अनुभव देकर गई, सीख मिली कि सेक्स किसी से भी करो, प्यार से करो तथा जब मन और अंतरआत्मा तैयार हो तभी करो !
प्रेषक : अश्विन
आप सभी अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी के पाठकों को नमस्कार। मैं भी अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ। मैंने यहाँ की लगभग सारी कहानियाँ पढ़ी हैं। मेरा नाम अमित है, मैं इंदौर का रहने वाला हूँ और यहाँ अकेला ही रहता हूँ। मेरी लम्बाई 5’ 11” है व मेरे लंड का साइज भी अच्छा-खासा है। अभी मेरी उम्र 28 साल है।
इसे आप मनघड़ंत स्टोरी कहे या और कुछ पर सच बात तो ये है कि सेक्स मतलब सेक्स है वो किसी से भी किया जा सकता है या हो जाता है।
दलबीर सिंह
मेरी सेक्स कहानी के पहले भाग
मेरी कहानी में मैं केवल चुदाई की बातें नहीं करता, चुदाई का माहौल कैसे बना, उसकी बात करता हूँ, वही अपनी चूत और लंड का पानी निकलेगा.
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सारिका कंवल
आपने अब तक पढ़ा..
दोस्तो, मैं अर्पित एक बार फिर से आप के पास अपनी जिंदगी के कुछ यादगार लम्हे बांटने आया हूँ…
मेरा नाम मुहम्मद ए.अली है। मैं 20 साल का साधारण सा लड़का हूँ और लड़कियों पर ज़्यादा ध्यान नहीं देता हूँ इसी वजह से मेरी कोई गर्लफ्रेण्ड भी नहीं है।
प्रेषक : सोनी कुमार
मुझे शरारत सूझी, मैं वेटर को दिखाते हुए अपनी चूत को खुजलाने लगी।
कहानी का दूसरा भाग : एक कुंवारे लड़के के साथ-2
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अब तक आपने पढ़ा..