बहू के साथ शारीरिक सम्बन्ध-4
🔊 यह कहानी सुनें
🔊 यह कहानी सुनें
दोस्तो नमस्कार, मैं राज शर्मा, एक बार फिर गरमागरम सेक्स कहानी को लेकर हाजिर हूं. अपनी मेरी पिछली कहानी पढ़ कर बहुत मेल किए, उसके लिए धन्यवाद. मुझसे फेसबुक पर जुड़ने वाले दोस्तों का भी आभार. सभी गर्म आंटी भाभियों का इतना प्यार देने के लिए दिल से शुक्रिया.
हैलो दोस्तो, आज आपके लिए पेश है मेरे एक मित्र साहिल की कहानी कि कैसे उसने एक फौजी की बीवी से अपनी प्यास बुझाई।
कहानी इस प्रकार है कि एक बार मैं अपना मेल अकाउंट चेक कर रहा था, उसमें मैंने एक लड़की का मेल देखा।
काम पिशाच-1
इशरत की गोरी गोरी मुलायम टाँगें, मांसल जाँघें और गोल गोल चूतड़ का क्या नज़ारा दिख रहा था..
अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि काका ने पड़ोस की बहू राधा की चुत को जबरदस्त चोदा था। उधर राजू ने भी मोना की चुत को चाट-चाट कर झड़ा दिया था।
यह तब की बात है जब एक दिन मेरा दोस्त अनिल अपनी पत्नी के साथ मेरे घर आया। अनिल और मैं साथ साथ काम करते हैं, अनिल की पत्नी रानी टीचर है।
सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार। अपनी कहानी या आप बीती बताने से पहले मैं स्वय का परिचय देना उचित समझता हूँ। मेरा नाम अरिन्दम है, मैं कोलकाता से हूँ। मैं विज्ञान में ग्रेजुएट हूँ।
हाय! दोस्तो मैं फिर वापस आ गया हूं अपनी अधूरी कहानी लेकर आप, लोगों ने मेरी कहानी को काफी पसंद किया और बहुत सारा मेल भी, इसके लिये धन्यवाद।
लेखिका : यशोदा पाठक
अब तक आपने पढ़ा..
शाम को मैं घर से 8 बजे के करीब निकला और 10 मिनट में भाई साहब के घर पहुँच गया। मेरे पहुँचने तक खाना तैयार था, मैंने खाना खाया और कुछ देर टी वी देखने के बाद मैंने कहा- भरजाई जी, मुझे कहाँ सोना है?
वह फिर मुझ पर झुक गई। कम से कम आधा केला अभी अन्दर ही था।
🔊 यह कहानी सुनें
हेलो दोस्तो !
साथियो, नमस्कार..
उसने मुझे अपने से इस तरह चिपका लिया था कि उसका खड़ा लंड मेरे चूतड़ों की दरार में घुसने लगा। वो मेरे मम्मों दबाए जा रहा था और मैं भी अब गर्म होने लगी थी।
यह पत्र रूपा वर्मा ने कामिनी सक्सेना को लिखा दोनों की एक सहेली मालिनी की समस्या के बारे में :
🔊 यह कहानी सुनें
विक्की शर्मा
अब तक आपने पढ़ा कि मैंने अपनी बुआ को राकेश से चुदते हुए देखा..
मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग
पहला भाग: मेरी बीवी पांचाली-2
यह तो ऋषि वात्सयायन का बहुत भला हो जिन्होंने काम शास्त्र की रचना कर के भारतवासियों और विदेशी पंडितों को काम कला के नए तरीके सिखाए और काम कला के साथ जुडी सैंकड़ों भ्रान्तियाँ दूर की।