Indian Village Bhabhi Sex Kahani – अनजान जाटनी की चुदाई का मजा
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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को संजय का नमस्कार ! दोस्तो, मेरी कहानियों को आपने इतना पसंद किया उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
नमस्कार दोस्तो चाची के संग मेरी हिंदी में देसी सेक्स स्टोरी की पिछली कड़ी में आपने पढ़ा था कि कैसे मैं अपनी सोती हुई चाची के साथ वासना का खेल खेल रहा था.
दोस्तो, आज मैं आपको अपनी खुशकिस्मती की कहानी सुनाने जा रहा हूँ। कहानी सुनके आप सब के दिल जल जाएंगे। बहुतों की तो गांड भी जल जाएगी।
दोस्तो! सनी का आप सब को फ़िर से खुली गांड से प्रणाम!
लेखक : माइक डिसूज़ा
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को राज का नमस्कार, राम राम और वेलकम!
दोस्तो, मेरा नाम कृति है, और मैं आज अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ। मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं, और लोगों की कहानियाँ पढ़ कर मैंने सोचा, यार जब सब अपनी अपनी कहानी लिख रहे हैं, और कुछ दूसरे लेखकों से लिखवा रहे हैं, तो क्यों न मैं भी अपनी कहानी लिख कर देखूँ। मगर बहुत कोशिश के बाद भी मुझे मेरी लिखी कहानी पसंद नहीं आई। तो मैंने अन्तर्वासना के एक लेखक वरिंदर सिंह से ईमेल पर राबता कायम किया और उनसे अपनी कहनी लिखने को कहा, उनसे बहुत सी बातें हुई, उन्हें मैंने अपनी वो सभी डिटेल्ज़ दी, जो उन्होने मुझ से मांगी। और फिर जो कहानी उन्होने मुझे लिख कर भेजी, वो आज आपके सामने है, ये मेरी सच्ची कहानी है, पढ़िये और मज़ा कीजिये।
हाय दोस्तो.. आज जो मैं आपको कहानी बताने जा रहा हूँ.. यह मेरी रियल स्टोरी है..
अभी तक आपने पढ़ा कि मैंने सोनू की सील तोड़ दी थी. लेकिन उसकी चुदाई करने का मेरा भी बहुत मन था. मगर मुझे नहीं पता था कि वह मुझसे चुदाई करवाने के लिए और ज्यादा बेचैन हो चुकी है. फिर एक दिन वह यूनिफॉर्म पहनकर मेरे रूम में आ पहुंची. मैंने पूछा तो कहने लगी कि आज मैं सारा दिन तुम्हारे पास ही रहूंगी.
हैलो.. नमस्ते.. मेरे सेक्सी दोस्तो.. आज मैं आपके पास एक नई कहानी लाया हूँ।
मैं पूरी फिल्म में उसके उरोज सहलाता-दबाता रहा। उसे भी शायद अच्छा लग रहा था, तभी तो वो मेरा हाथ नहीं हटा रही थी। इस तरह फिल्म देख कर हम वापस आ गये। यह हमारे रिश्ते की नई परिभाषा थी।
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दोस्तो आप सब को नए साल की बधाई, दुआ करता हूँ कि कोई भी पुरुष या महिला, लड़की या लड़की जो कोई भी अन्तर्वासना पे कहानियाँ पढ़ता या पढ़ती है, ऊपर वाला उन सबकी इच्छा पूरी करे, किसी को हाथ से करने की ज़रूरत न पड़े, सब को एक साथी मिले, सब चुदें चुदवाएँ, ज़िंदगी की मज़े लें!
कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अपने घर को कानपुर चल पड़ा. हड़ताल के कारण कई दिनो से मेरा मन होस्टल में नहीं लग रहा था. मुझे माँ की बहुत याद आने लगी थी. वो कानपुर में अकेली ही रहती थी और एक बैंक में काम करती थी. मैं माँ को आश्चर्यचकित कर देने के लिये बिना बताये ही वहाँ पहुँचना चाहता था.
दोस्तो, कैसा चल रहा है? आनन्द ले रहे हैं मेरी चुदाई स्टोरी का…
हिन्दी सेक्स स्टोरी पढ़ने वाले तमाम पाठकों को मेरा सलाम।
सम्पादन : जूजा जी
दोस्तो.. यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है जो मेरे साथ घटी है।
अन्तर्वासना के मेरे सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार. दोस्तो, आपको मेरी पहली कहानी
फुलवा और बिंदू की चूत चुदाई
प्रेषक : रणवीर संधु
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हाय दोस्तो, मैं साजिद, मैं सूरत का रहने वाला हूँ. मैं कहानी पहली बार लिख रहा हूँ, और यह मेरा पहला अनुभव था.
पर-पुरुष सम्मोहन से आगे: