तलाकशुदा का प्यार-3
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मैं अपनी बहन को नंगी देखा करता था. एक बार मैंने अपने दो दोस्तों से पैसे लेकर उन्हें भी अपनी बहन नंगी दिखा दी. फिर मैंने सोचा कि अपनी बहन से खुल कर बात करने में फ़ायदा है, मैंने बात की और बात बन गई.
अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज के मेरे प्यार पाठको, मेरा नाम सुमित है, मैं 24 साल का हूँ, पिछले पाँच वर्षों से मैं अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स स्टोरीज पढ़ कर मजा लेता हूँ.
मेरे प्यारे मित्रो एवं सहेलियों, एक लम्बे अंतराल के बाद आप लोगों से मिलना हो रहा है, आप सबको मेरा प्यार भरा नमस्कार।
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा
टोनी की जिद पर हार कर हमने अपने कपड़े पहन लिए।
फोन लेकर कम्मो बहुत खुश नजर आ रही थी. हम रेस्तरां के केबिन में बैठे थे.
हेल्लो कॉलेज गर्ल्स, सेक्सी भाभी, असंतुष्ट आंटी और सभी पाठकगण, मैं पिछले 5-6 साल से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ लेकिन कभी लिखने का मौका नहीं मिला।
दोस्तो, मेरा नाम राजा है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी आयु 29 साल की है, कद 5’8″, देखने में अच्छा, एक शरीफ़ आदमी की तरह, वैसे मैं शरीफ़ आदमी ही हूँ।
मैंने कहा- डार्लिंग, अब तो कल तक के लिए यही हूँ, थोड़ी थकावट मिट जाये, फ़िर रात में जरूर उस तरीके से तुम्हें चोदूँगा।
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आर्यन और सायरा एक दूसरे को चूमे जा रहे थे कि रूही कमरे में दाखिल हुई। “ये, यहाँ पर सब क्या हो रहा है?” रूही थोड़ा गुस्से में बोली।
चूत चुदाई के शौक से मेरे काल गर्ल बनने की सेक्सी कहानी-1
मेरा नाम आरती है, मैं अपनी एडल्ट स्टोरी बता रही हूँ. मैं सतना की रहने वाली हूं मेरी उम्र 22 वर्ष है मैं बी एस सी की पढ़ाई कर रही हूं.
सभी दमदार लंडों और प्यासी चूतों को मेरा सलाम।
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मेरा नाम प्रेम है.. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ।
अभी तक मेरी हिन्दी सेक्स कहानी में आपने पढ़ा कि मैं अपने दोस्त के खाली घर में दो लड़कियों को चोदने के लिए ले गया. अभी एक कुंवारी लड़की की बुर में लंड घुसाया ही था कि मेरे दोस्त की बीवी वहाँ आ गई और थोड़ा नाराज होने के बाद वो भी हमारे चुदाई के खेल में शामिल हो गई.
दोस्तो, मैं फेहमिना अपनी कहानी के आगे का भाग लेकर हाजिर हूँ।
मेरा नाम निलेश है, मैं मुंबई में रहता हूँ और मार्केटिंग का काम होने की वजह से मैं हमेशा घूमता रहता हूँ।
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गर्मियों के दिन थे, ठंडे रूस में भी दिन की गर्मी झुलसाए दिए जा रही थी. नताशा संग हम लोग नए ए सी की ठंडक के मजे ले रहे थे. तभी नताशा के मोबाइल की घंटी बज उठी. नंबर अंजान था, मेरी पत्नी ने उत्तर दिया. दूसरी तरफ से रूसी भाषा में आवाज आई तो पता चला कि बोलने वाला उसका कोई बचपन का सहपाठी था. यह बात काफी देर तक बात करने के बात खुली थी क्योंकि बोलने वाला काफी देर तक रहस्य भारी बातें करता रहा था और तब जाकर उसने भेद खोला था कि वो दीमा कोरेन्कोव बोल रहा था जो कभी मेरी पत्नी के साथ एक ही क्लास में पढ़ता था.
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कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि
दोस्तो, मेरा नाम राज शर्मा है. मैं चण्डीगढ़ में रहता हूँ. मैं अर्न्तवासना का नियमित पाठक हूँ. आप सब लोगों ने मेरी पिछली कहानियों को बहुत सराहा और बहुत ज्यादा संख्या में मेल करके अपनी राय मुझे बताई, इसके लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद. अर्न्तवासना से मेरी कहानियों को पढ़कर बहुत से लोग फेसबुक पर मुझसे जुड़कर मेरे बहुत अच्छे दोस्त बने हैं, इसलिए इस साइट का भी बहुत बहुत धन्यवाद.