मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी-16
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जब टिका देते हो इस जगह तुम अपनी जुबाँ
पूस की सर्द रात थी, कभी-कभी बाहर हाड़ को कंपा देने वाली बर्फीली हवाएँ पत्तों से टकरा कर रात की नीरवता को चीरती हुई डरावनी शोर उत्पन्न कर रही थी, यह शोर किसी बेबस की चीत्कार सी लग रही थी। यह भयावह शोर मेरे भीतर एक अनजानी सी सिहरन पैदा कर रहा था।
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प्रेषक : इमरान खान
मैं औंधा लेटा था.. सर ने मेरे चेहरे के नीचे एक तकिया लगा दिया और अपने घुटने मेरे बदन के दोनों ओर टेक कर बैठ गए।
मैं मुम्बई में रहता हूँ।
प्रेषक : सचिन कुमार
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ऋषि सहगल
कैसे हो दोस्तो, मैं यश हॉटशॉट एक बार फिर से एक सच्ची और सेक्सी स्टोरी लेकर आया हूँ।
हेलो दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का कई सालों से पाठक रहा हूँ मैंने इस सेक्स कहानी साइट की लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं तो मैंने भी सभी की तरह सोचा कि मैं भी अपनी चुदाई की कहानी भेजूँ!
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अन्तर्वासना के सभी पाठकों का एक बार फिर से मेरा तहे दिल से नमस्कार।
नमस्कार दोस्तो, मैं संदीप साहू आपकी सेवा में एक बार फिर से हाजिर हूँ। आपने मेरी पिछली कहानी
यह मेरी सच्ची कहानी है। मेरी एक गर्लफ्रेंड हुआ करती थी पायल ! करीब छः साल पहले हम दोनों एक दूसरे के बहुत के करीब थे और शादी करना चाहते थे। हम रोज़ मिलने की कोशिश करते थे और सेक्स भी करीब रोज़ ही करते थे। हमने घर, गाड़ी, शॉपिंग-सेंटर, जंगल जैसी जगहों पर बहुत बार सेक्स किया हुआ है।
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राजवीर है. मैं अभी बीस साल का हूँ, ये घटना मेरा खुद का रियल एक्सपीरियेन्स है. इस कहानी में मेरे और मेरी बुआ के बीच चुदाई का खेल हुआ है. बुआ की अब शादी हो गई है और उनका एक बेटा भी हो गया है.
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सम्पादक – इमरान
प्रेषक : रंगबाज़
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अन्तर्वासना के समस्त पाठकों को कवि पंकज प्रखर का प्यार भरा नमस्कार…
दोस्तो, मैं फ़िर से हाजिर हूँ एक नये अनुभव के साथ। आप लोगों ने अन्तर्वासना पर मेरी पिछ्ली कहानी को इतना सराहा, आप सभी का अति धन्यवाद।
प्रेषिका : स्लिमसीमा (सीमा भारद्वाज)